22 मई: अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मई 2017 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया. वर्ष 2017 का विषय है - जैव विविधता और दीर्घकालिक पर्यटन (Biodiversity and Sustainable Tourism).
प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव-विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव-विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.
इसमें विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन के कला शिल्प, संगीत, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों का महत्व आदि को प्रदर्शित करके जैव-विविधता के महत्व एवं उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करना है. जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है.
संयुक्त राष्ट्र ने भी विशेष रूप से कहा कि 2030 के सतत विकास एजेंडा के लिए जैव विविधता आवश्यक है.
पृष्ठभूमि:
• संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसम्बर 2000 को 55/201 प्रस्ताव पारित करके 22 मई को अन्तराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाये जाने का संकल्प लिया.
• इस दिवस का मुख्य उद्देश्य 22 मई 1992 को पारित किये गये नैरोबी एक्ट का पालन करना तथा इस संबंध में लोगों को जागरुक करना है.
• अधिकारिक घोषणा से पहले 29 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता था.
• वर्ष 2015 का विषय था सतत विकास के लिए जैव विविधता.
• वर्ष 2016 का विषय था जैव विविधता को मुख्य धारा में लाना, लोगों एवं उनकी आजीविका का सतत विकास करना.
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