26 जून: यातना के शिकार लोगों के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय दिवस
26 जून 2016 को यातना के शिकार लोगों के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया. यह दिवस प्रत्येक वर्ष यातना के खिलाफ मनाया जाता है. इस दौरान यातना के शिकार लोगों के समर्थन हेतु उन्हें सम्मान प्रदान किया जाता है.
यातना के कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावित हो सकता है तथा उसकी गरिमा भी आहत होती है. संयुक्त राष्ट्र ने यातना के किसी भी प्रारूप की निंदा की है तथा इसे मनुष्यों द्वारा मनुष्यों पर हो रहे अभद्र व्यवहार की श्रेणी में रखा है.
यातना
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यातना को अपराध माना गया है. यह पूर्ण रूप से निषेध है एवं इसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता.
यह निषेध अंतरराष्ट्रीय प्रथागत कानून का ही भाग है जिसका अर्थ है प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय सदस्य को इसके निर्देशों को मानना होगा एवं यातना को निषेध करना होगा. यातना बड़े स्तर पर विश्व भर में फैला एक अपराध है.
संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव
12 दिसम्बर 1997 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित 52/149 प्रस्ताव के अनुसार प्रत्येक वर्ष 26 जून को यातना के शिकार लोगों के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जायेगा. इसे यातना के संपूर्ण उन्मूलन एवं अन्य अमानवीय तथा अपमानजनक व्यव्हार के खिलाफ सहायतार्थ आरंभ किया गया.
वर्ष 2016 में यातना के शिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र स्वैच्छिक कोष की 35वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस कोष द्वारा यातना के शिकार व्यक्तियों एवं उनके परिवारों को सहायता के लिए विशेष रूप से सहायता प्रदान की जाती है.
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