भारत में 11 मार्च 2018 को पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया. यह शिखर सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया. दुनिया भर के 121 देश इसके सदस्य हैं और अब संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मिलने के बाद संस्थान और मजबूत बना है.
विश्व में सौर ऊर्जा के इस्तेरमाल को लेकर यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है. इस सम्मेइलन को स्व्च्छं और सौर ऊर्जा के इस्तेामाल को बढ़ावा देने के लिए अहम माना जा रहा है.
शिखर सम्मेलन से संबंधित मुख्य तथ्य:
यह शिखर सम्मेचलन भारत में फ्रांसीसी दूतावास द्वारा आयोजित किया गया और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इसकी सह-मेजबानी की गई.
लगभग 80 भारतीय संस्थानों और 70 फ्रांसीसी संस्थानों के 350 से भी अधिक लोगों ने प्रमुख उद्यमों के साथ इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, कैंपस फ्रांस और भारतीय उद्योग परिसंघ का भी समर्थन प्राप्त हुआ.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का प्रमुख उद्देश्य:
• इस संगठन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करना है.
• यह सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग में तेज़ी लाने की एक नई शुरुआत है ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त हो सके.
• आईएसए का उद्देश्य सूर्य की बहुतायत ऊर्जा को एकत्रित करने के साथ देशों को एक साथ लाना है.
• इस संगठन का उद्देश्य दुनिया भर को न केवल साफ ऊर्जा उपलब्ध कराना है बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास करना है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के जरिए भारत की कोशिश होगी कि अफ्रीका और दुनिया के दूसरे हिस्सों के छोटे-छोटे देशों को उनकी ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दिया जाए, ताकि आगे चल कर इन देशों के साथ दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग स्थापित हो सके.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन:
• अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है जिसका शुभारंभ भारत और फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पेरिस में किया गया.
• इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे. इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
• आईएसए, सौर संसाधन संपन्न देशों का भारत स्थित पहला संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन है.
पृष्ठभूमि:
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल सभी देशों में से अधिकांश देश अफ्रीका के हैं. भारत ने इन देशों में सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों समेत स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित योजनाओं कि क्रियांवयन के लिए दो अरब डॉलर की राशि खर्च करने का निर्णय लिया है. वहीं भारत वर्ष 2022 तक अपना स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन 175 गीगावाट करना चाहता है, जिसमें 100 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन होगा.
यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई पहल का परिणाम है जिसकी घोषणा उन्होंने सर्वप्रथम लंदन के वेंबली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी. यह संगठन कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा.
भारत सरकार सौर ऊर्जा को लेकर काफी काम कर रही है. इसके अलावा सरकार ऐसी योजनाएं ला रही है जिससे किसानों को भी सौर ऊर्जा का फायदा मिले.
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