23 जून: अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून 2017 को दुनिया भर में मनाया गया. सभी उम्र, क्षेत्र और संस्कृति की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून 2011 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा.
विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है. दुनिया की लाखों विधवाओं को गरीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और कानून व कस्टम में भेदभाव सहन करती है.
एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं गरीबी में रहती हैं और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं. लगभग 40 मिलियन विधवाएं भारत में और 15000 विधवाएं वृंदावन की सड़कों पर अकेले रहती हैं.
एक्शन पॉइंट्स
• महिलाओं के विरूद्ध सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों में विधवाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
• राज्यों को अपनी न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने और विधवा अधिकारों और उनके मुद्दों का समाधान करने के लिए न्यायिक अधिकारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है.
• विधवाओं और उनके बच्चों के विरुद्ध हिंसा समाप्त करने, गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और सभी उम्र की विधवाओं को सहायता करने के लिए कार्यक्रम आरंभ करने की आवश्यकता है.
विधवा महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, कार्य, निर्णय लेने का अधिकार तथा सुरक्षित जीवन जीने के अधिकार तथा सशक्तिकरण की आवश्यकता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation