आईपीसीसी ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित रिपोर्ट जारी की

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में भी इसके भयानक परिणाम होंगे. आईपीसीसी की सह-अध्यक्षा डेब्रा रॉबर्ट्स के मुताबिक, आने वाले कुछ साल मानव इतिहास के लिए सबसे अहम साबित होने वाले हैं.

Oct 10, 2018, 11:49 IST
IPCC released climate change report
IPCC released climate change report

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने 08 अक्टूबर 2018 को अपनी रिपोर्ट जारी की है.

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ग्रीन हाउस गैसों के मौजूदा उत्सर्जन स्तर को देखते हुए 2030  तक दुनिया का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में भी इसके भयानक परिणाम होंगे. आईपीसीसी की सह-अध्यक्षा डेब्रा रॉबर्ट्स के मुताबिक, आने वाले कुछ साल मानव इतिहास के लिए सबसे अहम साबित होने वाले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से जलवायु में बदलाव के असर समय से पहले दिखाई देने लगे हैं. रिपोर्ट के सह-लेखक और जलवायु परिवर्तन के जानकार आर्थर वाइन्स ने बयान जारी किया कि अब इस पर आम सहमति बन चुकी है कि ग्लोबल वॉर्मिंग इंसानों की सेहत पर असर डालती है और इसकी वजह से लाखों लोग जान गंवाते हैं.

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट

•    भारतीय उपमहाद्वीप में इसका सबसे ज्यादा असर कोलकाता और कराची पर पड़ने के आसार जताए गए हैं.

•    रिपोर्ट के अनुसार यदि विश्व का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो भारत को 2015  से भी बुरी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

•    विदित हो कि वर्ष 2015  में गर्म थपेड़ों से भारत में लगभग 2500 लोगों की जान चली गई थी.

•    रिपोर्ट के अनुसार पिछले 150 वर्षों में दिल्ली का तापमान लगभग 1 डिग्री सेल्सियस, मुंबई का 0.7 डिग्री, चेन्नई का 0.6 डिग्री और कोलकाता का 1.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है.

•    इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य, आजीविका, खाद्य सुरक्षा, जल आपूर्ति, मानव सुरक्षा तथा आर्थिक विकास पर पड़ने वाले प्रभावों को दर्शाया गया है.

वैश्विक संदर्भ में रिपोर्ट

•    आईपीसीसी द्वारा जारी 400 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ समय में धरती की सतह पर तापमान करीब 1 डिग्री तक बढ़ चुका है.

•    इतना तापमान महासागर का स्तर बढ़ाने और खतरनाक तूफान, बाढ़ और सूखा जैसी स्थिति लाने के लिए काफी है.

•    वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले समय में धरती का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.

•    इस रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि तापमान में आधा डिग्री के कारण काफी बदलाव आ जाता है, इससे विश्व की जनसँख्या तथा पारिस्थितिकी तंत्र पर हीट वेव, आर्कटिक की बर्फ पिघलने, समुद्री जल स्तर के बढ़ने, अनियमित वर्षा, कृषि उपज में कमी तथा कई जीव प्रजातियों के विलुप्त इत्यादि में वृद्धि हो रही है.

इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑफ क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी)


आईपीसीसी जलवायु परिवर्तन के आकलन के लिए बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यकम तथा विश्व मौसमविज्ञान संगठन द्वारा वर्ष 1988 में की गई थी. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है. वर्तमान में विश्व के 195 देश इसके सदस्य हैं. इसमें विश्व के विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों के समूह कार्य करता हैं, वे जलवायु परिवर्तन का नियमित आकलन करते हैं. प्रत्येक 5-6 वर्ष उपरांत आईपीसीसी जलवायु परिवर्तन पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करती है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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