कथित तौर पर 2 जुलाई, 2020 को ईरान के नतांज़ परमाणु परिसर में एक रहस्यमयी आग लग गई, जिससे एक कारखाने को बड़ा नुकसान हुआ. इस घटना के बारे में ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) द्वारा जारी परमाणु स्थल पर स्थित एक इमारत की तस्वीर से पता चला था, जोकि ईरान के मुख्य परमाणु - ईंधन उत्पादन स्थलों में से एक है.
तब से ईरान आग का कारण बताने के लिए संघर्ष कर रहा है. ईरानी सुरक्षा से जुड़े एक शीर्ष प्रवक्ता ने कहा कि ईरान नतांज़ परमाणु स्थल पर लगी आग का कारण जानता है, लेकिन "सुरक्षा कारणों" से इस समय वह इस कारण को सार्वजनिक नहीं करेगा.
कथित तौर पर, इस आग ने एक कारखाने को काफी नुकसान पहुंचाया है जहां ईरान कथित रूप से सेंट्रीफ्यूज की एक नई किस्म का उत्पादन कर रहा था. अमेरिका ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसी मशीनरी ईरान के परमाणु हथियारों के निर्माण के कार्यक्रम में तेज़ी ला सकती है.
मुख्य विशेषताएं
• इस परमाणु केंद्र में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है, जोकि तेहरान के दक्षिण में स्थित ईरान के इस्फ़हान प्रांत में स्थित है.
• वर्तमान में इस घटना की जांच की जा रही है और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, तोड़फोड़ का कोई सबूत नहीं मिला है.
• ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने 3 जुलाई को यह खुलासा किया है कि, इस आग के लगने के मुख्य कारण के बारे में पता लगाया जा चुका है और उचित समय पर इसकी घोषणा की जाएगी.
• आग लगने की इस घटना के तुरंत बाद ईरानी विशेषज्ञ कथित रूप से, इस घटना के बारे में "अलग-अलग परिकल्पनाओं" की जांच कर रहे हैं.
• नतांज़ के गवर्नर, रामज़ानली फेर्दोव्सी के अनुसार, इस आग ने केवल परिसर के भीतर एक निर्माणाधीन इमारत को नुकसान पहुंचाया है और परमाणु केंद्र के मुख्य क्षेत्र को प्रभावित नहीं किया है. आग लगने के समय क्षतिग्रस्त इमारत में कोई परमाणु सामग्री उपलब्ध नहीं थी.
• इसलिए, आग ने उस जगह पर चल रही अन्य गतिविधियों को बाधित नहीं किया है, जिसमें इस केंद्र पर होने वाला संवर्धन का काम भी शामिल है, जो ज्यादातर भूमिगत किया जाता है.
IAEA का कथन
विश्व की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने कहा है कि उसे नतांज़ में आग लगने की घटना के बारे में पता था और उसने यह भी कहा है कि वह संबंधित सुरक्षा अधिकारियों के संपर्क में है जिससे यह पुष्टि हो सके कि घटना स्थल पर सभी आवश्यक सुरक्षा जांच गतिविधियां जारी हैं.
पृष्ठभूमि
ईरान के इस परमाणु केंद्र में यह आग परचिन के शहर के पास, तेहरान के बाहरी इलाके में और एक सैन्य कैंप एक बड़े विस्फोट के ठीक एक सप्ताह बाद लगी है.
यह क्षतिग्रस्त साइट भूमिगत ईंधन उत्पादन सुविधाओं के पास है जहां 10 साल पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल ने आधुनिक इतिहास के सबसे परिष्कृत साइबर अटैक का आयोजन किया था, जिसका कोड नाम "ओलंपिक गेम्स" था. इस हमले का मुख्य उद्देश्य ईरान के औद्योगिक उपकरणों के कंप्यूटर कोड बदलना और लगभग 1,000 सेंट्रीफ्यूज नष्ट करना था, ताकि एक या इससे अधिक वर्षों के लिए ईरान का परमाणु कार्यक्रम बाधित हो जाए.
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