ईरान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

Jun 30, 2020, 12:55 IST

ईरान ने मामले में इंटरपोल से राष्ट्रपति ट्रंप समेत दर्जनों अन्य लोगों को गिरफ्तार करने में मदद मांगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप के खिलाफ ये गिरफ्तारी वारंट बगदाद में हुए उस ड्रोन हमले के लिए जारी हुआ है, जिसमें ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी.

Iran issues arrest warrant for Trump over drone strike that killed Qasem Soleimani in Hindi
Iran issues arrest warrant for Trump over drone strike that killed Qasem Soleimani in Hindi

ईरान ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. ट्रंप को गिरफ्तार करने के लिए ईरान ने इंटरपोल से मदद भी मांगी है. ईरान के इस कदम की वजह जनवरी में बगदाद में हुए ड्रोन अटैक को बताया जा रहा है, जिसमें ईरान की कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी.

ईरान ने मामले में इंटरपोल से राष्ट्रपति ट्रंप समेत दर्जनों अन्य लोगों को गिरफ्तार करने में मदद मांगी है. ईरान के अटॉर्नी जनरल के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति सूची में शीर्ष पर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप के खिलाफ ये गिरफ्तारी वारंट बगदाद में हुए उस ड्रोन हमले के लिए जारी हुआ है, जिसमें ईरान के टॉप जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी.

तीन जनवरी के ड्रोन स्ट्राइक में ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ 30 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. अमेरिका, ईरानी जनरल सुलेमानी को हत्या और आतंकवाद का दोषी मानता था और काफी समय से जनरल की तलाश थी. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अब ईरान का प्रयास है कि इंटरपोल, ड्रोन हमले में आरोपी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करे.

इंटरपोल कब नोटिस जारी करता है?

इंटरपोल बहुत संगीन मामलों में वांछित अंतरराष्ट्रीय अपराधियों के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है. इसके बाद स्थानीय अधिकारी अपने देश की ओर से उस वांछित को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल से अनुरोध करते हैं. ये नोटिस संबंधित देश को वांछित की गिरफ्तारी अथवा उसे प्रत्यर्पित करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. हालांकि, स्थानीय सरकार इस नोटिस के आधार पर वांछित पर नजर रखते हुए उसकी यात्राओं पर प्रतिबंध लगा सकती है.

इंटरपोल ने खारिज किया गिरफ्तारी वारंट

ईरान ने ट्रंप और दर्जनों अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल से मदद मांगी थी. जिसे बाद में इंटरपोल ने खारिज कर दिया. इंटरपोल ने कहा कि वह ईरान के अनुरोध पर विचार नहीं करेगा. अमेरिका उस घटना के बाद एकतरफा फैसला लेते हुए तेहरान के साथ परमाणु करार से बाहर आ गया था. ईरान का मानना है कि ट्रंप और 35 अन्य लोग 3 जनवरी की उस घटना में शामिल थे, जिसमें सुलेमानी मारा गया था.

03 जनवरी को हुआ था ड्रोन हमला

अमेरिका ने ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के मुखिया को तीन जनवरी को ड्रोन हमले में मारा था जब वह अपने काफिले के साथ बगदाद में थे. ईरान ने इसका जवाब इराक के अल-असद और इबरिल स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दाग कर दिया था.

जानें कौन थे जनरल कासिम सुलेमानी?

कासिम सुलेमानी का जन्म साल 1957 में ईरान के करमन प्रांत में एक किसान परिवार में हुआ था. वे साल 1979 की क्रांति के बाद ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स में शामिल होने से पहले एक कंस्ट्रक्शन वर्कर थे. जनरल सुलेमानी को अयातुल्ला खामेनी के बाद ईरान में सबसे ताकतवर माना जाता था. उनका कुद्स फोर्स ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक इकाई था जो सीधे-सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला खमेनेई को रिपोर्ट करता है. उन्हें देश के नायक के तौर पर भी सराहा जाता है. कासिम सुलेमानी ईरान का सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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