भारत और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ने 26 मार्च 2018 को ‘मेजबान देश समझौते’ पर हस्ताक्षर किए. आईएसए में विश्व के विकास प्रतिमान को बदलने की असीम क्षमता है. अल्पविकसित उष्णकटिबंधीय देशों को ऊर्जा अब रियायती दरों पर अपेक्षाकृत ज्यादा आसान तरीके से उपलब्ध होगी.
इस समझौते पर विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और आईएसए के अंतरिम महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए.
समझौते से संबंधित मुख्य तथ्य:
- इस समझौते से आईएसए को न्यायिक विशिष्टता प्राप्त हो गई है.
- इसके फलस्वरूप इसे अनुबंध करने, चल एवं अचल संपत्तियों को अधिग्रहीत तथा निपटारा करने और कानूनी कार्यवाही को संस्थागत स्वरूप प्रदान करने तथा इसका बचाव करने का अधिकार मिल गया है.
- इस समझौते के तहत आईएसए को वे विशेषाधिकार, मान्य कर रियायतें तथा उन्मुक्ति प्राप्त होंगी, जो आईएसए के मुख्यालय द्वारा अपने कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न दायित्वों का स्व्तंत्रतापूर्वक निर्वहन करने के लिए आवश्यक हैं.
- आईएसए को अपना दर्जा, विशेषाधिकार तथा उन्मुक्ति फ्रेमवर्क समझौते के अनुच्छेद 10 के तहत प्राप्त होगी.
- अनेक देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के अनुभवों से सीखने में दिलचस्पी दिखाई है.
- आईएसए को कर छूट समेत अन्य विशेषाधिकार होगा जो आईएसए के मुख्यालय को स्वतंत्र रूप से अपना कार्य करने और कार्यक्रम चलाने के लिये जरूरी है.
- आईएसए के पास कानूनी कार्यवाही शुरू करने और बचाव करने का अधिकार होगा.
- आईएसए को सोलर या सौर क्षेत्र में 1000 अरब अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा का निवेश जुटाने और 1000 गीगावाट से भी ज्यादा सौर क्षमता स्थापित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.
उपर्युक्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आईएसए को कई और बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय दानदाता एजेंसियों से वित्तीय साझेदारियां करने की जरूरत है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए):
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है.
- इसका शुभारंभ भारत और फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पेरिस में किया गया.
- इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे.
- इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
- आईएसए पहली ऐसी संस्था है जिसका मुख्यालय भारत में गुरूग्राम में है.
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