हाल ही में इराक की अल-नूरी मस्जिद चर्चा में रही इसका कारण आतंकवादी संगठन आईएस द्वारा इसे नष्ट किया जाना था. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने 21 जून 2017 को इराक की ऐतिहासिक अल-नूरी मस्जिद तथा उससे जुड़ी प्रसिद्ध झुकी हुई मीनार को विस्फोट से उड़ाकर नष्ट कर दिया.
अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना से मोसुल में आईएस की चार दिनों से भीषण लड़ाई चल रही है. चौथे दिन मोसुल की इन दो विख्यात मस्जिदों को तबाह कर दिया गया. मीडिया में आई खबरों के अनुसार इस्लामिक स्टेट ने यह दावा किया है कि यह मस्जिद एक अमेरिकी लड़ाकू विमान के हमले में नष्ट हुई लेकिन अमेरिकी सेना ने इस बात से इनकार किया है.
अल नूरी मस्जिद
• इस मस्जिद का महत्व इराकी सेना एवं विद्रोही आईएस दोनों के लिए ही है.
• जुलाई 2014 में इस्लामिक स्टेट के नेता अबु बकर अल-बग़दादी ने इसी मस्जिद में एक सभा का आयोजन करके इस्लामिक राज स्थापित करने की घोषणा की थी.
• इस घोषणा के आठ सप्ताह बाद इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने मोसुल शहर पर कब्ज़ा कर लिया था.
• वर्ष 1172 में मोसुल और अलेपो के तुर्क शासक नूर अल-दीन महमूद ज़ांगी ने इस मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया था. इसीलिए मस्जिद का नाम इस तुर्क शासक के नाम पर ही रखा गया.
• नूर अल-दीन को जिहाद शुरू करने और मुसलमानों को जिहाद के लिए लामबंद करने हेतु जाना जाता है.
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