इज़राइल में हुए आम चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी ने जीत दर्ज कर ली है. चुनाव में उन्होंने वाम दलों के गठबंधन को हराया है. इस चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू को सेवानिवृत्त जनरल बेनी गैंट्ज से कड़ी टक्कर मिल रही थी.
इज़राइल में बेंजामिन नेतन्याहू ने लगातार पांचवीं बार चुनाव जीत लिया है. चुनाव नतीजों का मतलब है कि नेतन्याहू इज़राइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
बेंजामिन नेतन्याहू की शानदार जीत पर पीएम मोदी ने बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू को टैग करते हुए लिखा की आप भारत के सबसे बड़े मित्र हैं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नेतन्याहू को प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है.
इज़राइल में अब तक हुए 97 प्रतिशत मतों की गिनती में बेंजामिन नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी और पूर्व सैन्य प्रमुख गांट्ज की ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन ने 35-35 सीटों पर कब्जा किया है. द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, लिकुड और इसकी दक्षिणपंथी गठबंधन ने बढ़त बनाई हुई है और 120 सीट की नेसेट में 65 सीटों के साथ सबसे बड़ी ब्लॉक बनने के लिए तैयार है.
इज़राइल में 9 अप्रैल को वोट डाले गए थे. कुल 120 सीटों के लिए 14 प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. इज़राइल की कुल आबादी लगभग 80 लाख है जिनमें से 63 लाख मतदाता हैं.
प्रधानमंत्री पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले व्यक्ति:
बेंजामिन नेतन्याहू इजरायल के प्रधानमंत्री पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले व्यक्ति होंगे. नेतन्याहू ने साल 1990 में पहली बार चुनाव जीता था. जिसके बाद वे तीन साल प्रधानमंत्री रहे. इसके बाद वे साल 2009 में फिर से जीते और तबसे लगातार इस पद पर बने हुए हैं.
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भारत-इज़राइल संबंध:
प्रधानमंत्री मोदी साल 2017 में इजरायल जाने वाले पहले प्रधानमंत्री थे. भारत-इज़राइल संबंध भारतीय लोकतंत्र तथा इज़राइल राज्य के मध्य द्विपक्षीय संबंधो को दर्शाता है. साल 1992 तक भारत तथा इज़राइल के मध्य किसी प्रकार के सम्बन्ध नहीं रहे. इसके मुख्यतः दो कारण थे- पहला, भारत गुट निरपेक्ष राष्ट्र था जो की पूर्व सोवियत संघ का समर्थक था तथा दूसरे गुट निरपेक्ष राष्ट्रों की तरह इजराइल को मान्यता नहीं देता था. दूसरा मुख्य कारण भारत फिलिस्तीन की आज़ादी का समर्थक रहा है.
मई 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भारत और इज़राइल के संबंध नए स्तर तक पहुंच गए हैं. भारत तथा इज़राइल में आतंकवाद के बढ़ने के साथ ही भारत तथा इज़राइल के सम्बन्ध भी मजबूत हुए. भारत ने अब तक इज़राइल के लगभग 8 सैनिक उपग्रहों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के माध्यम से प्रक्षेपित किया है.
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