लगभग दो सप्ताह की हिंसा के बाद इजरायल और हमास अंततः संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई इमारतों को मलबे के ढेर में बदल दिया गया. यह युद्धविराम 21 मई, 2021 को सुबह 2 बजे से लागू हुआ.
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने 20 मई, 2021 को गाजा पट्टी में अपनी सैन्य गतिविधि को रोकने के पक्ष में मतदान किया था.
21 मई को संघर्ष विराम का फैसला लागू होने के बाद गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों को सड़कों पर जश्न मनाते हुए देखा गया. इन दोनों पक्षों के बीच हिंसा को समाप्त करने के लिए, निरंतर बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद, यह संघर्ष विराम किया गया.
VIDEO: People take to the streets of Gaza City to celebrate as a ceasefire between Israel and Palestinian militant groups comes into force early Friday after 11 days of deadly fighting pic.twitter.com/thtAi3Awji
— AFP News Agency (@AFP) May 21, 2021
फिलिस्तीन की प्रतिक्रिया
फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने इजरायल द्वारा एकतरफा युद्धविराम का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि यरुशलम प्रमुख मुद्दा बना हुआ है.
रियाद अल-मलिकी ने आगे यह कहा कि, यह युद्धविराम अच्छा है क्योंकि 20 लाख से अधिक फ़िलिस्तीनी लोग अब यह जानकर सो सकेंगे कि, उनका कल उज्जवल होगा.
अमेरिका की स्टेटमेंट
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायल और हमास के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते की सराहना की है. उन्होंने यह कहा है कि, अमेरिका मानवीय राहत सहायता के साथ गाजा की मदद करेगा और इजरायल की आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली की भरपाई भी करेगा.
11 दिवसीय युद्ध में हुए अनेक लोग हताहत
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के अधिकारियों के अनुसार, युद्ध के 11 दिनों में 65 बच्चों और 39 महिलाओं सहित कम से कम 230 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इजरायल में लगभग 12 लोग मारे गए हैं. इन हताहतों में एक भारतीय नागरिक सौम्या संतोष, जोकि 32 वर्षीय देखभालकर्ता थीं, भी शामिल हैं.
पृष्ठभूमि
इजरायल और हमास के बीच यह नवीनतम लड़ाई पिछले तीन युद्धों की तरह अनिर्णायक रूप से समाप्त हो गई है. यह संघर्ष 10 मई, 2021 को शुरू हुआ था जब अल-अक्सा मस्जिद परिसर में फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजरायली पुलिस के बीच संघर्ष के दिन के बाद, हमास ने यरूशलम की ओर लंबी दूरी के रॉकेट दागे थे.
इस रॉकेट हमले के जवाब में, इजरायल ने गाजा पट्टी में सैकड़ों हवाई हमले किए और कथित तौर पर इस हमले में हमास के सैन्य अवसंरचना को निशाना बनाया गया.
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