इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 23 जून 2017 को पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी-सी38) कार्टोसेट-2ई सीरीज के सेटेलाइट सहित 31 सैटेलाइट प्रक्षेपित किये.
कार्टोसेट -2 ई इस मिशन का प्रमुख उपग्रह है. अंतरिक्ष में भारत के जटिल मैपिंग उपग्रहों की श्रृंखला में यह छठा उपग्रह है.
जीएसएलवी एमके-3 की सफलता के बाद 31 उपग्रह लॉन्च किये गये जिनमें विदेशी नैनो सैटलाइट भी शामिल हैं. पृथ्वी के अवलोकन के लिए प्रक्षेपित किए गये 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2ई श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजन के 30 अन्य सह-उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किया गया.
यह उपग्रह 505 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य स्थैतिक कक्षा (एसएसओ) में पहुंचा है. पीएसएलवी-सी 38 के साथ भेजे जा रहे इन सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है.
मिशन के मुख्य बिंदु
• कार्टोसेट-2ई एक दूर संवेदी उपग्रह है जिसमें सभी सात रंगों के प्रकाश के प्रति संवेदनशील और बहुक्षेत्रीय कैमरा लगे हैं.
• इन उपग्रहों से जुटाये गये आंकड़ों से शहरी और ग्रामीण योजना तैयार करने, तटीय क्षेत्रों की भूमि उपयोग नियमन, सड़क नेटवर्क की निगरानी और भौगोलिक सूचना प्रणाली अनुप्रयोगों में सहायता प्राप्त होगी.
• यह पीएसएलवी रॉकेट की 40वीं उड़ान है.
• कार्टोसेट-2ई उपग्रह के साथ 30 अन्य उपग्रहों को भी पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में पहुंचाया गया.
• इनमें 14 देशों के नैनो उपग्रह शामिल हैं, यह देश हैं - ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका.
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