भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु में 20 सितंबर, 2022 को महेंद्रगिरी में एक हाइब्रिड मोटर का सफल परीक्षण किया है। परीक्षण का उद्देश्य आगामी प्रक्षेपण वाहनों के लिए एक नई प्रणोदन प्रणाली की खोज करना है। IPRC में परीक्षण की गई 30kN हाइब्रिड मोटर मापनीय और स्टैकेबल है।
तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) द्वारा समर्थित तमिलनाडु में 20 सितंबर, 2022 को महेंद्रगिरी में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में परीक्षण आयोजित किया गया था। मोटर ने ऑक्सीडाइज़र के रूप में तरल ऑक्सीजन (LOX) और ईंधन के रूप में हाइड्रॉक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटैडिन (HTPB) का उपयोग किया।
Today, VSSC/ISRO successfully tested a hybrid motor at ISRO Propulsion Complex, Mahendragiri. A 30 kN hybrid motor with HTPB fuel & liquid oxygen oxidizer demonstrated ignition & sustained combustion for the intended 15 s https://t.co/2SwIXQrwRT (1/2) pic.twitter.com/9MaqqN1lRv
— ISRO (@isro) September 20, 2022
इसरो ने हाइब्रिड मोटर का सफल परीक्षण किया
- तरल पदार्थों के उपयोग से थ्रॉटलिंग में मदद मिलती है और LOX की प्रवाह दर पर नियंत्रण फिर से शुरू करने की क्षमता को सक्षम बनाता है।
- हालांकि एचटीपीबी और एलओएक्स दोनों हरे रंग में हैं, लेकिन एलओएक्स को संभालना ज्यादा सुरक्षित है।
- ठोस-ठोस या तरल-तरल संयोजनों के विपरीत, एक हाइब्रिड मोटर ठोस ईंधन और तरल ऑक्सीडाइज़र का उपयोग करती है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
- इसरो भारत की राष्ट्रीय अन्तरिक्ष एजेंसी है। इसका मुख्यालय बंगलुरु में है।
- यह अंतरिक्ष आधारित अनुप्रयोगों, नवीनतम तकनीकों के विकास और अंतरिक्ष अन्वेषण से संबंधित कार्य करने के लिए भारत की प्राथमिक एजेंसी है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 1963 में स्थापित किया गया था और इसकी प्रौद्योगिकियों और कार्यक्रमों ने भारत के सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- संगठन कई पहलुओं का समर्थन करता है जैसे नेविगेशन, आपदा प्रबंधन, टोही मिशन में सैन्य और नागरिक डोमेन ।
- इसरो अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करता है जिसकी देखरेख सीधे भारत के प्रधानमंत्री करते हैं।
चंद्रयान 3 के बारें में:
चंद्रयान 3 को वर्ष 2023 की पहली तिमाही में लॉन्च करने की योजना है। अंतरिक्ष यान चंद्रयान 2 का मिशन रिपीट होगा। इसमें केवल चंद्रयान -2 के समान एक लैंडर और रोवर शामिल होगा। अंतरिक्ष यान में ऑर्बिटर शामिल नहीं होगा लेकिन इसका प्रणोदन मॉड्यूल संचार रिले उपग्रह की तरह ही कार्य करेगा।
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