इटली ने अंततः वह विधेयक पारित कर दिया जिसके अंतर्गत यातना को राष्ट्रीय कानून के तहत अपराध माना जायेगा.
यह विधेयक 05 जुलाई 2017 को पारित किया गया. इसमें 198 विधायकों ने इसका समर्थन किया, 35 ने इसका विरोध किया तथा 104 इस मतदान में उपस्थित नहीं हुए. इसके अनुसार यातना देने वाले अपराधी को चार से 10 वर्ष के लिए जेल भेजा जायेगा तथा रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा अपराध किये जाने की स्थिति में 12 वर्ष की जेल की सज़ा होगी.
रोम द्वारा 1984 में यातना के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये गये थे लेकिन कभी भी इसे राष्ट्रीय विधेयक के रूप में हस्तांतरित नहीं किया गया. इस विधेयक के अनुसार यातना उसे माना जायेगा जिसमें हिंसा या क्रूर कार्रवाई द्वारा गहन शारीरिक पीड़ा या मानसिक आघात पहुंचाया गया हो तथा व्यक्ति को शारीरिक अथवा मानसिक नुकसान पहुंचा हो.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2015 में यूरोपीय मानव अधिकार न्यायालय (ईसीएचआर) ने 2001 में जेनोआ में हुए जी-8 शिखर सम्मेलन के दौरान भूमंडलीकरण विरोधी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस हिंसा के लिए इटली को फटकार लगाई थी.
इस घटनाक्रम में इटली सुरक्षा दलों के बहुत से सदस्यों को आरोपी बताया गया लेकिन बहुत से आरोपी बचने में सफल भी हुए. यूरोपीय मानव अधिकार न्यायालय ने कहा था कि आरोपियों को सज़ा न मिलना इटली के कानून मेंसंरचनात्मक समस्या को दिखाता है.
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