जापान और ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के प्रयास में 17 नवंबर, 2020 को एक ऐतिहासिक रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष, स्कॉट मॉरिसन के बीच उच्च एक स्तरीय बैठक के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने एक ट्वीट करके यह कहा कि, वे प्रसन्न हैं कि जापान-ऑस्ट्रेलिया के बीच यह समझौता, जिसपर वे दोनों देशों की सुरक्षा और रक्षा सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए बातचीत कर रहे थे, एक सामान्य समझौते पर पहुंच गया है. उन्होंने आगे "मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत" को एक वास्तविकता बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भी एक बयान के माध्यम से यह बताया कि, दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक रक्षा सौदे के लिए एक सैद्धांतिक समझौता हो गया है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनायेगा.
मुख्य विशेषताएं
- जापान - ऑस्ट्रेलिया रेसिप्रोकल एक्सेस एग्रीमेंट (RAA) टोक्यो में क्वाड गठबंधन देशों के विदेश मंत्रियों के मिलने के कुछ सप्ताह के बाद किया गया है. ऑस्ट्रेलिया और जापान के अलावा, क्वाड समूह में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत भी शामिल हैं.
- इस रक्षा समझौते पर बातचीत करने में छह साल लगे हैं और दोनों देशों के सांसदों द्वारा इसकी पुष्टि की जानी आवश्यक है.
- इस समझौते ने जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच उन्नत रक्षा सहयोग का एक नया अध्याय खोल दिया है.
- जापान ने अतीत में एक और देश के साथ ऐसा ही समझौता किया है और वह 60 साल पहले अमेरिका के साथ किया गया रक्षा समझौता है.
महत्व
अनिश्चित रणनीतिक परिस्थितियों के बीच इस क्षेत्र में तेजी से चुनौतीपूर्ण सुरक्षा माहौल का जवाब देने के लिए दोनों देशों की मदद के लिए रेसिप्रोकल एक्सेस एग्रीमेंट (RAA) एक मजबूत आधार तैयार करेगा.
इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद जारी किए गए बयान में बीजिंग का उल्लेख किए बिना, दक्षिण चीन सागर की स्थिति के बारे में भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई है.
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