जापानी एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए) के मुताबिक, पृथ्वी से 30 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित 'रोइगु' ऐस्टेरॉयड पर उसने सफलतापूर्वक दो रोबोट रोवर उतार लिए हैं. रोवर्स को सामूहिक रूप से MINIRVA कहा जा रहा है.
जापानी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक एस्टेरॉयड पर दो मानव रहित रोवर्स की सफलतापूर्वक लैंडिंग करके इतिहास बना दिया है. 22 सितम्बर 2018 को जापान के हेवसुसा 2 अंतरिक्ष यान से अलग होकर ये रोवर्स एस्टेरॉयड की सतह पर उतरे थे.
जेएएक्सए ने बताया की किसी भी ऐस्टेरॉयड की सतह पर यह दुनिया का पहला चलता हुआ रोबोटिक ऑब्ज़र्वेशन है. सही से काम कर रहे दोनों रोवर ने रोइगु की सतह का सर्वे करना शुरू कर दिया है.
हेवसुसा-2 यान ने 20 सितम्बर 2018 को लगभग 20 किमी की कक्षा ऊंचाई से एस्टेरॉयड रोइगु के लिए लैंड करना शुरू किया था.
हेवसुसा-2 यान रोइगु से दिसंबर 2019 में वापस धरती के लिए रवाना होगा और वर्ष 2020 के अंत तक यहां पहुंच जाएगा. यह यान अपने साथ क्षुद्रग्रह से जुटाए गए कुछ सैंपल भी लेकर आएगा.
अगर अंतरिक्ष यान की वापसी सफल रही तो यह "सी-टाइप के एस्टेरॉयड से दुनिया का पहला नमूना रिटर्न मिशन होगा.
रोवर्स ने पहली तस्वीर भेजा:
रोवर्स ने अपने पहले चरण की तस्वीरों में एक किमी चौड़ी अंतरिक्ष की चट्टान की तस्वीरें ली हैं. हीरे की तरह दिखने वाली इस चट्टानिक एस्टेरॉयड पर पानी और कार्बनिक पदार्थों के समृद्ध भंडार होने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों को इस तस्वीर से "पृथ्वी के निर्माण खंडों और इसके महासागरों और जीवन के विकास के क्रम को स्पष्ट रूप से समझने में मदद मिलेगी.
रोबोट रोवर का डिज़ाइन:
विशेष रूप से डिज़ाइन किए पहले रोवर पर चार और दूसरे पर तीन कैमरे लगाए गए हैं. दोनों रोवर्स तापमान गेज और ऑप्टिकल सेंसर के साथ-साथ एक्सेलेरोमीटर और जीरोस्कोप के साथ लैस हैं.
रोवर:
रोवर ऐसे वाहन को कहते हैं जो किसी अन्य ग्रह या खगोलीय वस्तु पर घूमने-फिरने की क्षमता रखता हो. कुछ रोवर रोबोट होते हैं और बिना किसी व्यक्ति की मौजूदगी के चलते हैं और कुछ मनुष्यों को स्थान-से-स्थान ले जाने के लिए बने होते हैं. आम तौर पर रोवर किसी ग्रह पर किसी अन्य यान के अन्दर ले जाए जाते हैं जो उस ग्रह की सतह पर उतरता हो.
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