बॉलिवुड के प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर को हाल ही में रिचर्ड डॉकिन्स पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है. वे इस अवॉर्ड को पाने वाले पहले भारतीय हैं. प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर की पत्नी और ऐक्ट्रेस शबाना आजमी ने ट्वीट कर इस अवॉर्ड के बारे में जानकारी दी है.
शबाना आजमी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जावेद अख्तर ने रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड अपनी क्रिटिक्ल थिकिंग, धार्मिक जड़ता की स्क्रूटनी, मानव प्रगति और मानवतावादी मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए जीता है. शबाना आज़मी के अतिरिक्त कई बॉलीवुड सितारे ने जावेद अख़्तर को इस सम्मान के लिए बधाई दी. अनिल कपूर के अतिरिक्त दिया मिर्ज़ा और निखिल आडवाणी समेत कई लोगों ने बधाई दी है.
क्यों मिला सम्मान
जावेद अख्तर को प्रतिष्ठित 'रिचर्ड डॉकिन्स पुरस्कार’ (Richard Dawkins Award) से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह अवॉर्ड तर्कसंगत विचार, धर्मनिरपेक्षता, मानव विकास और मानवीय मूल्यों को अहमियत देने के चलते मिला है. चाहे सोशल मीडिया हो या विभिन्न शहरों में आयोजित सत्र, अख्तर सीएए और इस्लामोफोबिया जैसे विषयों पर हमेशा मुखर रहे हैं.
जावेद अख्तर, सीता और गीता, ज़ंजीर, दीवार और शोले जैसी फिल्मों की कहानी, पटकथा और संवाद लिखने के लिए प्रसिद्ध हैं. उन्हें अब तक फिल्मफेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे कई सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है. |
पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय
जावेद अख्तर इस पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय हैं. इससे पहले बिल मेहर और क्रिस्टोफर हिचन्स को यह पुरस्कार मिल चुका है. यह एक बहुत बड़े सम्मान की बात है.
रिचर्ड डॉकिन्स पुरस्कार के बारे में
• रिचर्ड डॉकिन्स पुरस्कार को साल 2003 से दिया जा रहा है, जो ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस के नाम पर है.
• यह पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाता है जो सर्वजनिक रूप से तर्कसंगत, धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों, और साइंटफिक ट्रथ को बनाए रखने की उद्दघोषणा करता है.
• इस अवॉर्ड को रिचर्ड डॉकिन्स के नाम पर दिया जाता है. वे ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी में साइंस ऑफ़ पब्लिक अंडरस्टैडिंग के प्रोफेसर रह चुके हैं.
• डॉकिन्स को मुखर नास्तिक के रूप में जाना जाता है. डॉकिन्स अपनी किताब 'जीन द सेल्फिश' के लिए जाने जाते हैं. यह सम्मान इससे पहले कई और प्रतिष्ठित लोगों को मिल चुका है.
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