झारखंड सरकार ने 'सरना आदिवासी धर्म कोड' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया

झारखंड विधानसभा से संशोधन के बाद सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित हो गया. चर्चा के दौरान विधानभा का विशेष सत्र हंगामेदार रहा. अब सरना आदिवासी धर्म कोड के पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जायेगा.

Nov 12, 2020, 10:52 IST
Jharkhand assembly passes resolution on Sarna Code in Hindi
Jharkhand assembly passes resolution on Sarna Code in Hindi

झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में 11 नवंबर 2020 को 'सरना आदिवासी धर्म कोड' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. इसे अब राज्य सरकार केन्द्र के पास विचार के लिए भेजेगी. इससे साल 2021 की जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड का अलग से कॉलम शामिल किया जा सकेगा.

राज्य सरकार द्वारा 11 नवंबर 2020 को बुलाये गये झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष के कुछ संशोधनों के साथ सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को शीघ्र भेजकर 2021 की जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड का अलग कॉलम शामिल करने का अनुरोध करेगी.

सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित

झारखंड विधानसभा से संशोधन के बाद सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित हो गया. चर्चा के दौरान विधानभा का विशेष सत्र हंगामेदार रहा. अब सरना आदिवासी धर्म कोड के पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह एवं नीलकंठ सिंह मुंडा ने प्रस्ताव पारित करने से पूर्व इस पर समग्र चर्चा कराये जाने की मांग की जिस पर विधानसभाध्यक्ष भी हीलाहवाली करते नजर आये.

सरना धर्म कोड से मिलेंगे कई लाभ

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र के दौरान कहा कि जनसंख्या में कमी के कारण झारखंड के आदिवासियों को मिलनेवाले संवैधानिक अधिकारों पर असर पड़ता है. झारखंड के आधिवासियों को सरना धर्म कोड मिल जाने के बाद इन्हें कई फायदे मिलेंगे.

आदिवासी जनसंख्या की वृद्धि दर काफी कम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों की जनसंख्या लगातार कम हो रही है. जनगणना के आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि झारखंड में गैर आदिवासियों की तुलना में आदिवासी जनसंख्या की वृद्धि दर काफी कम है.

जनगणना के समय पलायन

प्रत्येक दस साल पर जनगणना होती है, लेकिन जनगणना के दौरान आदिवासी अपने इलाके में नहीं रहते. राज्य से पलायन कर जाने के कारण उनकी जनगणना नहीं हो पाती.

सरना धर्म कोड

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण है. इससे झारखंड के आदिवासियों को कई लाभ मिलेंगे.

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर गंभीरता

झारखंड के इतिहास में पहली बार सरना धर्म कोड को लेकर विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर गंभीरता दिखायी है. झारखंड के आदिवासियों की प्रमुख मांगों में से ये महत्वपूर्ण मांग है.

पृष्ठभूमि

झारखंड के आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मांग काफी पुरानी है. इसको लेकर समय-समय पर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अपनी आवाज उठायी है. आदिवासी संगठन इस मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर पहल की है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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