जॉर्डन के प्रधानमंत्री हानी अल-मुल्की ने इस्तीफा दिया

Jun 5, 2018, 16:55 IST

जॉर्डन में देशव्यापी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री हानी अल-मुल्की ने राजा अब्दुल्ला द्वितीय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जॉर्डन में लोग महंगाई के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आये हैं जबकि सरकार ने आय कर की दरें बढ़ाने की घोषणा की.

Jordans Prime Minister Resigns Amid Protests
Jordans Prime Minister Resigns Amid Protests

जॉर्डन के प्रधानमंत्री हानी अल-मुल्की ने 04 जून 2018 को देश भर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच इस्तीफ़ा देने की घोषणा की. जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने पूर्व शिक्षा मंत्री ओमार रज्जाज को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में व्यापक प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री मुल्की ने राजा अब्दुल्ला द्वितीय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. विवादास्पद आयकर सुधार विधेयक को लेकर सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हजारों लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए, जिसके चलते मुल्की ने इस्तीफा दे दिया.

हानी अल-मुल्की ने क्यों दिया इस्तीफा?

जॉर्डन में प्रदर्शनकारी आयकर कानून को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं. यह कानून 2016 में जॉर्डन और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच हस्ताक्षरित 70 करोड़ डॉलर के विस्तारित फंड सुविधा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कई वित्तीय सुधारों का हिस्सा है. विधेयक का मुख्य लक्ष्य कर संग्रह को बेहतर करना, कर चोरी पर लगाम लगाना और कर आय को बढ़ाना है, जिससे सालाना 30 करोड़ जॉर्डन दीनार की वृद्धि होने की संभावना है जिससे जनता पर करों का बोझ बढ़ना भी स्वाभाविक है. इससे पूर्व जॉर्डन संसद के 130 सीट वाले निचले सदन में से 57 सांसदों ने देश के राजा को मुल्की को बाहर करने के लिए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.


जॉर्डन आर्थिक संकट क्या है?

•    हानी अल-मुल्की ने वर्ष 2016 में जॉर्डन की कमान संभाली थी. उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का भी श्रेय दिया जाता है.

•    जॉर्डन की आर्थिक हालत इस कदर ख़राब है कि उसे अभी विदेशी मदद लेनी पड़ रही है.

•    जार्डन ने पिछले कुछ समय से तेल और आर्थिक संकट के कारण बहुत से सुधारवादी कदम उठाएं हैं, जिनमें ब्रेड पर मिलने वाली सब्सिडी भी शामिल है.

•    आर्थिक सुधारों के कारण नागरिकों पर टैक्स भी लगाए जाने लगे हैं जिसके चलते लोगों में नाराजगी बढ़ी है.

•    लोग महंगाई के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आये हैं जबकि सरकार ने आय कर की दरें बढ़ाने की घोषणा की.

•    इनके अतिरिक्त जॉर्डन में बड़ी संख्या में शरणार्थी भी रहते हैं जिनमें लगभग 4 मिलयन फिलिस्तीनी, सीरियाई, और इराक़ी शरणार्थी शामिल हैं.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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