सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च 2018 को कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जवाद रहीम को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया. वर्तमान में जस्टिस रहीम एनजीटी के न्यायिक सदस्य हैं.
यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने एनजीटी बार एसोसिएशन की याचिका पर की.
एनजीटी बार एसोसिएशन की याचिका:
• याचिका में एनजीटी (प्रैक्टिस और प्रक्रिया) संशोधन अधिनियम, 2017 को असंवैधानिक बताया गया है जिसमें विवाद को निपटाने के लिए सिंगल जज की बेंच गठित करने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया कि ऐसा करना एनजीटी एक्ट, 2010 की भावना के खिलाफ है.
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक्ट की धारा 11 केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह न्यायिक सदस्य की नियुक्ति करे जो कि अध्यक्ष के पद की नियुक्ति होने तक कार्यवाहक अध्यक्ष का काम देख सकता है.
• अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसके बाद कोर्ट को ट्रिब्यूनल के दो वरिष्ठतम सदस्यों की तुलनात्मक सूची पेश की जिनमें जस्टिस जवाद रहीम और जस्टिस रघुवेंद्र एस राठौर के नाम शामिल थे.
यद्यपि दोनों की नियुक्ति 12 जनवरी 2016 को हुई पर हाईकोर्ट के जज के रूप में न्यायमूर्ति जवाद वरिष्ठ हैं. एनजीटी के पूर्व चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार के रिटायर होने के बाद ये पद खाली था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम नियुक्ति जरूरी थी क्योंकि सरकार ने आश्वासन दिया था कि वह इस तरह की किसी व्यवस्था को मानेगी.
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