सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई ने 03 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला. उन्हें राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद की शपथ दिलाई.
इसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ के साथ केसों की सुनवाई करेंगे. जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर भारत के पहले मुख्य न्यायधीश हैं. जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश हैं और 17 नंवबर 2019 तक उनका कार्यकाल होगा.
रंजन गोगोई के बारे में: |
रंजन गोगोई एक भारतीय न्यायाधीश तथा वर्तमान भारत के मुख्य न्यायाधीश है. वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश थे. असम के डिब्रूगढ़ में 18 नवंबर 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने वर्ष 1978 में वकालत शुरू की और 28 फरवरी 2001 को उन्हें गुवाहाटी उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया था. उन्हें 12 फरवरी 2011 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. वह 23 अप्रैल 2012 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किये गये थे. जस्टिस गोगोई ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने असम में NRC, सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन, राजीव गांधी हत्याकांड के मुजरिमों की उम्रकैद की सजा में कमी, लोकपाल की नियुक्ति समेत विभिन्न विषयों पर अहम फैसले दिये हैं.
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जस्टिस गोगोई के सामने चुनौतियां:
इनके सामने मुख्य चुनौतीयां यह होगी कि देश में लाखों केस अभी भी लंबित पड़े हैं और देश के मुख्य विषय जैसे राम मंदिर, हलाला, ST SC एक्ट, निजता का अधिकार, समान नागरिकता, पर्यावरण संरक्षण, आदि विषय पर फैसला देना होगा.
पहले दिन ही रोस्टर तय किया:
चीफ जस्टिस ने जजों के काम के बंटवारे का 03 अक्टूबर 2018 को ही नया रोस्टर भी जारी कर दिया. जनहित, चुनाव, कोर्ट की अवमानना, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले और संवैधानिक पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस सुनवाई करेंगे.
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