केपी शर्मा ओली फिर बने नेपाल के प्रधानमंत्री, जानें विस्तार से

May 14, 2021, 10:21 IST

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भण्डारी ने नेपाल की संविधान के तहत सबसे बड़े दल के नेता होने के कारण ओली को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया है. 

KP Sharma Oli re-appointed PM of Nepal in Hindi
KP Sharma Oli re-appointed PM of Nepal in Hindi

केपी शर्मा ओली एक बार फिर से नेपाल के प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिए गए हैं. नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भण्डारी ने नेपाल की संविधान के तहत सबसे बड़े दल के नेता होने के कारण ओली को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया है. ऐसा उन्होंने देश के संविधान में प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए किया.

नेपाल की संसद में विश्वास का मत हारने के बाद राष्ट्रपति ने गठबन्धन की सरकार बनाने के लिए तीन दिन का समय दिया था. लेकिन नेपाल की विपक्षी पार्टियों की तमाम कोशिश के बावजूद बहुमत जुटाने में नाकाम रहे. राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी आज (14 मई) शाम उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी.

विपक्ष नहीं कर पाया बहुमत का इंतजाम

मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस की तरफ से वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं हो सका. 10 मई को संसद में विश्वास मत हारने वाले ओली तीन दिन बाद फिर से नेपाल के पूर्ण अधिकार संपन्न प्रधानमंत्री बन गए. ऐसा विरोधियों के सरकार बनाने में नाकाम रहने के चलते हुआ.

विश्वास मत हारने से 10 मई को ओली सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों को गुरुवार (13 मई) रात नौ बजे तक वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का मौका दिया था. संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक ओली कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन गए थे.

संसद में ओली 'हारे' थे

इससे पहले 10 मई को हुए विश्वास प्रस्ताव के दौरान कुल 232 सदस्यों ने मतदान किया था जिनमें से 15 सदस्य तटस्थ रहे. ओली को विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं. हालांकि, उन्हें केवल 93 वोट मिले थे और वह बहुमत साबित नहीं कर सके थे. इसके बाद संविधान के आधार पर उनका प्रधानमंत्री पद चला गया था.

प्रधानमंत्री पद का हकदार

संविधान के अनुसार, दो या उससे ज्यादा पार्टियां मिलकर 271 सदस्यीय सदन में 136 सीटें जुटा सकती थीं. लेकिन, डेडलाइन खत्म होने तक विपक्षी दल सभी कोशिशों के बावजूद यह आंकड़ा नहीं जुटा पाए और केयरटेकर प्रधानमंत्री ओली को ही फिर चुन लिया गया. इसके तहत, सबसे पार्टी का प्रमुख प्रधानमंत्री पद का हकदार होता है. ये तभी संभव है जबकि दूसरी विपक्षी पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने लायक बहुमत न जुटा पाए.

अब आगे क्या होगा

ओली को एक महीने यानी 30 दिन में संसद में बहुमत साबित करना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ यानी ओली बहुमत साबित नहीं हो कर पाए तो संसद को फिर भंग किया जाएगा और देश में नए चुनाव होंगे.

ओली का राजनीतिक सफर: एक नजर में

नेपाल के वयोवृद्ध वामपंथी नेता केपी शर्मा ओली साल 2018 के संसदीय चुनाव में वाम गठबंधन की भारी जीत के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे. ओली किशोरावस्था में ही छात्र कार्यकर्ता के रूप में राजनीति से जुड़े थे और राजशाही का विरोध करने की वजह से 14 साल तक जेल में रहे. वे साल 2018 में वाम गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर दूसरी बार प्रधानमंत्री बने. ओली इससे पहले 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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