कुवैत के शीर्ष राजनयिक व शासक शेख सबाह अल अहमद का 29 सितम्बर 2020 को अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 91 साल के थे. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. यह जानकारी देश के सरकारी टीवी ने दी है. उनके नामित उत्तराधिकारी उनके भाई क्राउन प्रिंस शेख नवाफ अल अहमद अल सबाह हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत के अमीर शेख सबाह अल अहमद के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज कुवैत और अरब दुनिया ने एक प्रिय नेता और भारत का एक करीबी दोस्त और एक महान राजनेता को खो दिया है. उन्होने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कुवैत में काम करने वाले भारतीय समुदाय की विशेष देखभाल की थी.
My heartfelt condolences on the sad demise of His Highness Sheikh Sabah Al-Ahmed Al-Jaber Al-Sabah, Amir of the State of Kuwait. In this moment of grief our thoughts are with the Al-Sabah family and the people of the State of Kuwait.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 29, 2020
शेख सबाह अल अहमद के बारे में
• शेख सबाह का जन्म 16 जून 1929 को हुआ था. उन्हें 1963 में देश का विदेश मंत्री बनाया गया था.
• वे साल 1990 के खाड़ी युद्ध के बाद इराक से नजदीकी बढ़ाने के लिए तेल संपन्न राष्ट्र के शीर्ष राजनयिक के रूप में जाने जाते थे.
• मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शेख सबा अल अहमद ने 2006 से तेल समृद्ध खाड़ी अरब राज्य पर शासन किया था और 50 से अधिक वर्षों तक अपनी विदेश नीति की देखरेख की थी.
• शेख अल सबाह ने अक्सर सऊदी अरब, उसके सहयोगियों और कतर के बीच जारी राजनयिक गतिरोध समेत क्षेत्रीय विवादों में मध्यस्थ के रूप में भी काम किया.
• उन्होंने कुवैत ने मानवीय सहायता के लिए कई दाता सम्मेलनों की मेजबानी करने के बजाय सीरिया के गृह युद्ध में हस्तक्षेप करने से परहेज किया.
• शेख सबा को आधुनिक कुवैत की विदेश नीति के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है.
• उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले साल 1963 से साल 2003 के बीच लगभग 40 वर्षों तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था.
• वे शेख जाबेर अल-सबा की निधन के बाद जनवरी 2006 में कुवैत के अमीर बने थे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation