विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने 05 जुलाई 2018 को खेलों में सट्टेबाजी को वैध करने की सिफारिश की है. अगर सरकार विधि आयोग की यह सिफारिश मान लेती है तो आने वाले समय में खेल में सट्टेबाजी कानूनी दायरे में आ जाएगी.
विधि आयोग ने इसे रेग्यूलेटेड गतिविधि के तौर पर मान्यता देने की सिफारिश की है. आयोग ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई)आकर्षित करने के स्रोत के रूप में भी इसका इस्तेमाल करने की राय दी है.
सिफारिश से संबंधित मुख्य तथ्य:
- आयोग ने सट्टेबाजी या जुए में शामिल किसी व्यक्ति का आधार या पैन कार्ड भी लिंक करने की और काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए नकदी रहित लेन-देन करने की भी सिफारिश की.
- आयोग ने अपनी रिपोर्ट कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को सौंपी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सट्टेबाजी और जुए जैसी गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म या रोका नहीं जा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित रूप से चलाना एक बेहतर विकल्प है.
- विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट 'लीगल फ्रेमवर्क: गैम्बलिंग एंड स्पोर्ट्स बेटिंग इंक्लूडिंग क्रिकेट इन इंडिया' में सट्टे के नियमन के लिए कानून में कई संशोधनों और इससे कर राजस्व हासिल करने के सुझाव दिए हैं.
- आयोग के अनुसार कानून में बदलाव कर इसे टैक्स के दायरे में लाया जाए, जिससे रेवेन्यू जमा किया जा सके.
- आयोग ने मैच फिक्सिंग और अन्य गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी में रखने की सिफारिश की.
पृष्ठभूमि:
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के बीच चल रहे मामले की सुनवाई के दौरान सट्टेबाजी को कानूनी रूप देने की संभावना पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा था.
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