लोकसभा ने वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीने के लिए लेखानुदान माँगों तथा उनसे जुड़े विनियोग विधेयक को 11 फरवरी 2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा ने इसे कांग्रेस तथा वाम दलों के बहिर्गमन के बीच पारित किया.
सदन ने वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी अनुपूरक अनुदान माँगों एवं उनसे जुड़े विनियोग विधेयक को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. हालाँकि, वित्त विधेयक 2019 को अगले दिन चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखा जायेगा.
लोकसभा की लेखानुदान मांगों को मंजूरी
• सदन ने भारत की संचित निधि से 2018-19 के अतिरिक्त खर्च की पूर्ति के लिए वर्ष की अनुपूरक अनुदान मांगों और तत्संबंधी विनियोग विधेयक को भी मंजूरी दे दी.
• सदन में बोलते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की है.
• उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत छोटे किसानों को सालभर में 6000 रुपये का आय समर्थन दिया जायेगा.
• यह राशि 2000 रुपये की तीन किस्तों में दी जायेगी.
• एक अन्य महत्वपूर्ण योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 3,000 रुपये मासिक पेंशन देने की घोषित की गयी है. यह योजना 15 फरवरी से शुरू होने जा रही है.
• इन सभी मांगों पर लोकसभा ने ध्वनिमत से अपनी मंजूरी प्रदान की तथा अंतरिम बजट पारित किया.
• इससे पूर्व वित्त मंत्री पीयूष गोयल अंतरिम बजट पर करीब सात घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुये विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार ने एक तरह से पूर्ण बजट पेश कर परंपराओं का उल्लंघन किया है और बजट चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
• उन्होंने इन आरोपों को भी गलत बताया कि सरकार वित्तीय अनुशासन बनाये रखने में विफल रही है.
अंतरिम बजट और लेखानुदान में अंतर
• लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फ़ैसला नहीं करती है. इसके तहत कर दरों में बदलाव या नई योजनाओं की घोषणा नहीं की जाती है.
• इसके पीछे सैद्धांतिक तर्क यह है कि जब सरकार का कार्यकाल ख़त्म हो रहा हो तो वो अगले पूरे साल के लिए घोषणाएँ नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव बाद किसी और दल या गठबंधन की सरकार बन सकती है.
• इसलिए मौजूदा सरकार अगली सरकार पर अपने वित्तीय फ़ैसले और बजट को नहीं थोप सकती. यह बाध्यकारी परंपरा नही है अपितु एक स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा है.
• आम तौर पर ऐसी स्थितियों में सरकार लेखानुदान पारित कराती है. लेखानुदान राजस्व और खर्चों का लेखाजोखा मात्र होता है. इसमें तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है.
• ऐसा इसलिए होता है ताकि संविधान के मुताबिक राजकोष से धन निकालने के लिए संसद की मंज़ूरी आवश्यक है.
• भारत के इतिहास में पहला अंतरिम बजट मोरारजी देसाई ने वर्ष 1962-63 में पेश किया था. वर्ष 1991-92 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार जाने के बाद यशवंत सिन्हा ने अंतरिम बजट पेश किया.
Latest Stories
Current Affairs Quiz In Hindi 13 August 2025: कॉमनवेल्थ गेम्स 2030
डेली करेंट अफेयर्स क्विज- एक पंक्ति में
Current Affairs Hindi One Liners 11 August 2025: ‘नारी अदालत’ पहल किस राज्य में शुरू की गई?
एक पंक्ति में
यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!
Comments
All Comments (0)
Join the conversation