महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठा समुदाय के लोगों को बड़ा उपहार दिया है. महाराष्ट्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के छात्रों और अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का घोषणा किया.
राज्य सरकार के इस नए आदेश के मुताबिक अब मराठा अभ्यर्थी सीधी सेवा में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक रूप से सशक्त इस समुदाय को नौकरियों व शिक्षा में अलग से आरक्षण देने जाने के फैसले को रद्द कर दिया था.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ
सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) कैटेगरी छात्रों और अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला लिया है. इसके अलावा, ये मराठा उम्मीदवार सीधी सेवा भर्ती में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं. इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है.
10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द करने के बाद राज्य सरकार मराठा समुदाय को राहत देने की कोशिश कर रही है. सरकार ने फैसला किया था कि जब राज्य में मराठा आरक्षण लागू था तब मराठा समुदाय 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकता था. लेकिन अब जब मराठा आरक्षण रद्द कर दिया गया है, सरकार ने मराठा समुदाय को ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ देने का फैसला किया है.
मराठा आरक्षण के फैसले खारिज
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को महाराष्ट्र सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि माराठा को आरक्षण की 50 फीसदी की तय सीमा का उल्लंघन होगा. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्सीय पीठ ने ये भी कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़ा नहीं माना जा सकता है.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण क्या है?
ईडब्ल्यूएस का मतलब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग है. केंद्र सरकार ने साल 2019 में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था. आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति ईडब्ल्यूएस के तहत शिक्षा और नौकरी में आरक्षण प्राप्त कर सकते हैं. ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्र व्यक्तियों का पारिवारिक खेती की जमीन पांच एकड़ से अधिक नहीं होना चाहिए.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation