महाराष्ट्र विधानसभा ने 12 अप्रैल 2016 को सर्वसम्मति से डांस बार नियमन विधेयक, 2016 को पारित कर दिया.
इस विधेयक के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़े कारवाई का प्रावधान है और इससे डांस बारों का फिर से खुलने का रास्ता साफ़ हो गया.
इसके साथ ही यह विधेयक महाराष्ट्र की दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया गया. विधान परिषद ने 11 अप्रैल 2016 को विधेयक पारित किया था.
विधेयक की मुख्य विशेषताएं:
• नया विधेयक नियमों के उल्लंघन, महिला कर्मचारियों के शोषण या अश्लीलता के मामलों में मालिक की जवाबदेही तय करेगा.
• बार मालिकों या संचालकों को उल्लंघन के मामले में पांच साल तक की कैद की सजा और 25000 रुपये तक के जुर्माने का दंड भुगतना पड़ सकता है.
• नयी विधेयक के अनुसार डांस बार किसी शिक्षण या धार्मिक स्थल से कम से कम एक किलोमीटर दूर रहने चाहिए.
• उनका समय शाम छह बजे से रात 11:30 बजे तक रहेगा और डांस वाली जगह पर शराब नहीं परोसी जाएगी.
• विधेयक आवासीय इमारतों में बारों के संचालन पर रोक लगाएगा और अर्ध-आवासीय इलाकों में इनके संचालन के लिए तीन-चौथाई निवासियों की सहमति अनिवार्य है.
• विधेयक में महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 33 (ए) के संशोधनों को रद्द करने का भी प्रावधान है.
पृष्ठभूमि
सर्वोच्च न्यायलय ने अक्टूबर 2015 से मार्च 2016 के बीच हुई सुनवाई के दौरान, महाराष्ट्र सरकार द्वारा डांस बार के संचालन पर प्रतिबन्ध हेतु दो संसोधनो को खारिज कर दिया था.
हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र सरकार अश्लीलता और डांस बार में काम कर रही महिलाओं की सुरक्षा सम्बंधित संसोधन कर सकती है.
तत्पश्चात महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने डांस बार के संचालन हेतु एक नया कानून लाने का निर्णय किया.
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