श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने एक नाटकीय घटनाक्रम में प्रधानमंत्री के पद पर वापसी की है. देश के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जा रहा है.
राष्ट्रपति ने रानिल विक्रमसिंघे को अपदस्थ करके उनके स्थान पर महिंदा राजपक्षे को यह पदभार सौंपा है. इस फैसले से श्रीलंका में राजनितिक संकट गहराता हुआ लग रहा है. बर्खास्तगी के बाद विक्रमसिंघे ने संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग की थी ताकि वह अपना बहुमत साबित कर सकें लेकिन राष्ट्रपति ने 16 नवंबर तक संसद को निलंबित कर दिया था.
महिंदा राजपक्षे
• महिंदा राजपक्षे का जन्म 18 नवम्बर 1945 को हुआ. वे 19 नवम्बर 2005 से 9 जनवरी 2015 तक श्रीलंका के छठे राष्ट्रपति रहे थे.
• पेशे के एक वकील, राजपक्षे को पहली बार 1970 में श्रीलंका की संसद के लिए चुना गया था.
• उन्होंने 6 अप्रैल 2004 से राष्ट्रपति बनने तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया.
• राजपक्षे ने कोलंबो स्थित नालंदा कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की. उन्होने वर्ष 1977 में अटॉर्नी एट लॉ की शपथ भी ग्रहण की थी.
श्रीलंका में राजनितिक संकट
श्रीलंका में उत्पन्न राजनीतिक संकट ने उस समय विकृत रूप ले लिया जब अपदस्थ प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के विश्वस्त और पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन राणातुंगा के अंगरक्षकों ने नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर गोलियां चलायीं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
महिंदा राजपक्षे की नियुक्ति राष्ट्रपति सिरीसेना के उस फ़ैसले के तुरंत बाद हुई जिसमें उनकी पार्टी ने कहा था कि उनकी पार्टी गठबंधन सरकार छोड़ रही है. ये सरकार मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे की यूएनपी पार्टी के साथ मिलकर चलाई जा रही थी. गौरतलब है कि 2015 में सिरीसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को हराया था.
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