केंद्र सरकार ने पुरुष कर्मचारियों को भी बाल देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) का हकदार बनाया है. यह निर्णय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा सुझाये गये प्रमुख सुधारों की कड़ी में लिया गया है. केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाने के क्रम में बड़ा कदम उठाया है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) का प्रावधान केवल उन पुरुष कर्मचारियों के लिए है जो माता-पिता दोनों की भूमिका निभा रहे हैं. इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं जो अविवाहित या विधुर या तलाकशुदा हैं.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों का जीवन आसान बनेगा. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में फैसला कुछ समय पहले ही जारी किया जा चुका है लेकिन इसे सार्वजनिक मंचों पर प्रमुखता नहीं मिली. कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा कि बाल देखभाल अवकाश पर कर्मचारी अब संबंधित प्राधिकारी की पूर्व अनुमति से मुख्यालय छोड़ सकेगा.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी बाल देखभाल अवकाश पर होने पर भी लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) का लाभ उठा सकेगा. उन्होंने कहा कि पहले 365 दिन के लिए बाल देखभाल अवकाश छुट्टी वेतन का 100 प्रतिशत तक मंजूर की जा सकती है और अगले 365 दिन के लिए छुट्टी वेतन की 80 प्रतिशत हो सकती है.
दिव्यांग बच्चे की देखभाल
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक और सुधार के बारे में बताते हुए कहा कि अब दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए कोई सरकारी कर्मचारी कभी भी चाइल्ड केयर लीव ले सकता है. पहले इसके लिए बच्चे की अधिकतम समय सीमा 22 वर्ष तय की गई थी.
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