पेरू के नए राष्ट्रपति मार्टिन विजकार्रा ने 23 मार्च 2018 को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की. इस दौरान मार्टिन ने सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की प्रतिबद्धता जताई.
इससे पहले भ्रष्टाचार में फंसे पेड्रो पाब्लो कुजिंस्की ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. विजकार्रा उस समय उपराष्ट्रपति थे. विजकार्रा वर्ष 2021 तक राष्ट्रपति पद पर रहेंगे.
विजकार्रा ने शपथ लेने के बाद अपने पहले राष्ट्रीय संबोधन में कहा, हम कानून के खिलाफ उठाए गए कदमों से निपटने को लेकर दृढ़ है, फिर चाहे हमें इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े. कारोबारी से नेता बने कुजिंस्की ने जुलाई 2016 में राष्ट्रपति पद संभाला था लेकिन वह जल्द ही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए. उन पर आरोप है कि उन्होंने ब्राजील की कंपनी ओडेब्रेक्ट को ठेके दिलाने में घूस ली थी.
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क्या था मामला?
पेरू के पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो पाब्लो कुजेन्स्की ने राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. उन्होंने यह घोषणा कांग्रेस में महाभियोग का सामना करने से एक दिन पहले की. 79 वर्ष के पूर्व बैंकर कुजेन्सकी पर ब्राजीलियन कंस्ट्रक्शन कंपनी से संबंध होने के आरोप लगे थे.
म्यांमार के राष्ट्रपति हूतिन चॉ ने इस्तीफा दिया
म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक वक्तव्य में कहा गया, 'म्यांमार के राष्ट्रपति हूतिन चॉ ने 21 मार्च 2018 को पद से इस्तीफा दे दिया.’ इसमें यह भी कहा गया कि सात कामकाजी दिनों में नया नेता चुना जाएगा. इस बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने आराम करने के लिए इस्तीफा दिया है. अब म्यांमार के संविधान के मुताबिक, देश के उपराष्ट्रपति तब तक कार्यकारी राष्ट्रपति होंगे जब तक संसद नया नेता न चुन ले.
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