भारत की वरिष्ठ महिला बॉक्सिंग खिलाड़ी एम. सी. मैरी कॉम ने 24 नवंबर 2018 को आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के 10वें संस्करण में 48 किलोग्राम भार वर्ग का खिताब अपने नाम किया.
मैरी कॉम ने फाइनल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसी के साथ मैरीकॉम छह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं.
मैरी कॉम के रिकॉर्ड
• इससे पहले मैरी कॉम ने साल 2002, 2005, 2006, 2008 और साल 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपनी झोली में डाला था.
• मैरी कॉम ने एक खिताब 45 किग्रा, तीन वर्ल्ड खिताब 46 किग्रा भार वर्ग और आखिरी दो खिताब 48 किग्रा वजन वर्ग मे जीते हैं.
• इसके अलावा वर्ष 2001 में मैरी कॉम इसी भार वर्ग में उपविजेता रही थीं और उन्होंने सिल्वर पदक जीता था.
• मैरी कॉम विश्व चैंपियनशिप (महिला एवं पुरुष) में सबसे अधिक पदक भी जीतने वाली खिलाड़ी बन गई हैं.
• मैरी कॉम छह स्वर्ण और एक रजत जीत कर क्यूबा के फेलिक्स सेवोन (91 किलोग्राम भारवर्ग) की बराबरी की. फेलिक्स ने 1986 से 1999 के बीच छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.
मैरी कॉम का जीवन परिचय
• मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम. सी. मैरी कॉम) का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ.
• उनकी प्रारंभिक शिक्षा लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल (कक्षा 6 तक) और सेंट जेविएर स्कूल (कक्षा 8 तक) में हुई.
• इसके बाद उन्होंने कक्षा 9 और 10 की पढाई के लिए इम्फाल के आदिमजाति हाई स्कूल में दाखिला लिया लेकिन वह मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पास नहीं कर सकीं.
• उनको खेल-कूद का शौक बचपन से ही था और उनके ही प्रदेश के मुक्केबाज डिंग्को सिंह की सफलता ने उन्हें मुक्केबाज़ बनने के लिए और प्रोत्साहित कर दिया.
• मैरी को भारत सरकार ने वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया. वर्ष 2006 में पद्मश्री और 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
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