मानसिक रोगी को नहीं दी जा सकती फांसी: सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि मौत की सजा पाए व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति अब अपीलीय कोर्ट के लिए उसे फांसी की सजा घटाने का कारक होगा.

Apr 19, 2019, 15:59 IST
Mental illness to spare death row convicts: SC
Mental illness to spare death row convicts: SC

सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल 2019 को कहा की मानसिक रोगी को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले से मौत की सजा सुनाए गए उन कैदियों के लिए नई उम्मीदें पैदा हो गयी हैं जो दोषसिद्धि के बाद गंभीर मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो गए.

जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली जस्टिस एम एम शांतानागौदर और इंदिरा बनर्जी की तीन जजों वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया.

मुख्य बिंदु:

•   जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि मौत की सजा पाए व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति अब अपीलीय कोर्ट के लिए उसे फांसी की सजा घटाने का कारक होगा. 

•   सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अपीलीय अदालतों के लिए कैदियों की मानसिक स्थिति फांसी की सजा नहीं सुनाने के लिए एक अहम पहलू होगी.

•   पीठ ने कहा कि अभियुक्त अब आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत ‘विधिसम्मत पागलपन’ की याचिका दे सकते हैं. साथ ही बचाव पक्ष अपराध के वक्त से इसे जोड़ सकते हैं.

•   पीठ ने दोषी ठहराए गए कैदी की फांसी की सजा से राहत दे दी क्योंकि अपनी मानसिक स्थिति के वजह से वह वारदात के अंजाम को जान नहीं सका.

•   निर्देशों के दुरूपयोग को रोकने हेतु पीठ ने कहा कि यह भार आरोपी पर होगा कि वह स्पष्ट सबूतों के साथ यह साबित करे कि वह गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित है.

•   कोर्ट ने कहा कि उपयुक्त मामलों में अदालत दोषियों की मानसिक बीमारी के दावे पर विशेषज्ञ रिपोर्ट के लिए एक पैनल का गठन कर सकती है.

पृष्ठभूमि:

महाराष्ट्र में 1999 में अपनी दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ बर्बर दुष्कर्म और हत्या के अपराध में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि पीठ ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी को पूरी उम्र तक जेल में रखने और सरकार को उसके मानसिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल का आदेश दिया.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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