PM-POSHAN scheme: अब इस नाम से जानी जाएगी ‘मिड डे मील योजना’, सरकार ने दी मंजूरी

Sep 30, 2021, 11:44 IST

PM-POSHAN scheme: पीएम पोषण स्कीम के तहत अब बाल वाटिका या प्री प्राइमरी क्लास के बच्चे भी शामिल किए जाएंगे.

PM-POSHAN scheme
PM-POSHAN scheme

PM-POSHAN scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के सरकारी स्कूल में बच्चों को मिलने वाले दोपहर के भोजन (मिड डे मील स्कीम) को अब पीएम पोषण स्कीम का नाम दे दिया है. पीएम पोषण स्कीम के तहत अब बाल वाटिका या प्री प्राइमरी क्लास के बच्चे भी शामिल किए जाएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने 29 सितंबर 2021 को बताया है कि देशभर के सरकारी स्कूल में अब तिथि भोजन नाम की एक परंपरा शुरू की जा रही है. इस सुविधा से आसपास के लोग किसी खास मौके या पर्व-त्यौहार पर स्कूल के बच्चों को विशेष भोजन उपलब्ध करा सकेंगे.

यह योजना 5 साल तक चलेगी

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह योजना 5 साल तक चलेगी और 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार 'बाल वाटिका' में भाग लेने वाले 1-5 वर्ष की आयु के प्री-स्कूल बच्चों को भी योजना के तहत कवर किया जाएगा. धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार इस योजना के तहत स्थानीय स्तर पर उगाए गए पौष्टिक खाद्यान्न को स्कूलों में मध्याह्न भोजन के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है.

भारत के युवाओं का फायदा

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए हम हरसंभव काम करने को प्रतिबद्ध हैं. पीएम-पोषण को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बहुत अहम है और इससे भारत के युवाओं का फायदा होगा.

योजना का फायदा

योजना का फायदा लगभग 12 करोड़ स्कूली बच्चों और करीब 11 लाख स्कूलों को मिलेगा. पीएम पोषण स्कीम इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी. बता दें मिड-डे मील स्कीम की यह शुरुआत साल 1995 में की गई थी. यह स्कीम तब से लगातार चल रही है और सरकार की लोकप्रिय योजना में शामिल है.

पारदर्शिता पर जोर

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम पोषण योजना में किए गए बदलावों के बारे में बताया और कहा कि पारदर्शिता पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों को भोजन बनाने का खर्चा आदि का पैसा अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि पोषण युक्त भोजन देने में प्रत्येक जिले को यह छूट भी दी जाएगी कि वह स्थानीय स्तर पर उपयुक्त पोषण युक्त खाद्यान्न या फिर मोटे अनाज को स्कूली बच्चों के खाने में शामिल कर सके.

स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा

इस योजना के कार्यान्वयन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और महिला स्वयं-सहायता समूहों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने हेतु स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.

एक से 5 साल तक के बच्चे भी

इस योजना के दायरे में अब एक से 5 साल तक के बच्चे भी आएंगे. आपको बता दें कि मिड-डे मील योजना का लाभ 6 से 14 साल तक के बच्चों को मिलता था लेकिन अब पीएम-पोषण योजना के तहत दोनों वर्ग के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाएगा. इस योजना का बोझ केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगे. राज्य के मुकाबले केंद्र सरकार का ज्यादा सहयोग होगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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