केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 09 जुलाई 2017 को शहरी विकास मंत्रालय तथा आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के विलय की औपचारिक घोषणा की. अब यह दोनों मंत्रालय अलग-अलग न होकर एक ही जाने जायेंगे.
दोनों मंत्रालयों के विलय के पश्चात् इसे आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय नाम से जाना जायेगा. राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त होने के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा औपचारिक अधिसूचना जारी की गयी. फ़िलहाल दोनों मंत्रालयों का दायित्व वैंकेया नायडू के पास है.
उद्देश्य
दोनों मंत्रालयों का कामकाज एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है इसलिए यह निर्णय लिया गया ताकि कार्य विकास में तेजी आ सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वर्ष 2022 तक शहरी आवास का काम पूरा हो जाना चाहिए. यह देखा गया कि घरों के निर्माण का
उत्तरदायित्व शहरी आवास मंत्रालय का है इसलिए यदि दोनों मंत्रालयों को एक कर दिया गया तो इसमें तेजी आ सकती है.
पृष्ठभूमि
• वर्ष 1952 में शहरी गरीबी उन्मूलन तथा शहरी विकास मंत्रालय का निर्माण किया गया.
• इसके बाद वर्ष 2004 में इन दोनों मंत्रालयों को पृथक किया गया ताकि वृहद स्तर पर योजनाओं को लागू करने में आसानी हो सके.
• इसके बाद 24 फरवरी 2017 को सचिवों के पैनल द्वारा शहरी गरीबी उन्मूलन तथा शहरी विकास मंत्रालय का विलय करने की सिफारिश की गयी.
• यह भी सुझाव दिया गया कि दवा एवं आयुष मंत्रालयों को भी स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन लाया जाए.
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