केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 04 फरवरी 2019 को खदानों में महिलाओं की नियुक्ति करने की अधिसूचना जारी कर दी है जिसके बाद महिलाओं को भी खनन कार्य में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो गए हैं.
मंत्रालय ने बताया कि सरकार के इस कदम से महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन मिलेगा और उनको खनन क्षेत्र में रोजगार के समान अवसर उपलब्ध होंगे. अधिसूचना के अनुसार, कंपनियां या नियोक्ता को खदानों में महिला कर्मचारियों की अनुमति दे दी गई है. महिलाओं की नियुक्ति खदान के भीतर तथा खदान के ऊपर की जा सकती है.
प्रावधान: |
खान अधिनियम, 1952 की धारा 83 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने खान अधिनियम, 1952 की धारा 46 के प्रावधानों के तहत महिलाओं को जमीन के ऊपर या जमीन के नीचे स्थित खदान में रोजगार प्रदान करने की छूट दी है. |
जमीन के ऊपर स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में:
• खदान का मालिक महिलाओं को रात्रि 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक की कार्य अवधि प्रदान कर सकता है.
• महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी.
• ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी.
• मुख्य खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.
• कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी.
जमीन के नीचे स्थित किसी खदान में महिलाओं को रोजगार देने के मामले में:
• खदान-मालिक महिलाओं को प्रात: 6 बजे से सायं 7 बजे तक तकनीकी, निरीक्षण और प्रबंधकीय कार्य सौंप सकता हैं जहां निरंतर उपस्थिति की आवश्यकता न हो.
• महिलाओं की नियुक्ति उनकी लिखित अनुमति के बाद ही की जाएगी.
• ऐसी नियुक्ति में महिलाओं को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी.
• मुख्य खान निरीक्षक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर मानक संचालन प्रक्रियाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी.
• कम से कम तीन महिलाओं को एक शिफ्ट में ड्यूटी दी जाएगी.
पृष्ठभूमि:
खान अधिनियम, 1952 में जमीन के ऊपर या नीचे स्थित खदानों में महिलाओं को सायं 7 बजे से प्रात: 6 बजे तक रोजगार देना प्रतिबंधित था. विभिन्न महिला कामगार समूह, उद्योग जगत और इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने सरकार से समय-समय पर यह मांग की थी कि खदानों में कार्य करने के लिए महिलाओं को भी रोजगार के समान अवसर दिए जाने चाहिए.
यह अधिसूचना खनन अधिनियम 1952 में बदलाव के बाद जारी की गई है. अधिसूचना के अनुसार महिलाओं की तैनाती गैर जोखिम वाले कार्य तथा क्षेत्र में की जाएगी. खदान के भीतर महिलाओं की नियुक्ति अनियमित कार्य के लिए की जा सकती है.
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को महिलाओं को खदानों में तैनात करने के अनुरोध विभिन्न महिला कर्मचारी संगठनों, उद्योग तथा छात्रों से प्राप्त हुए थे. खनन मंत्रालय ने भी महिलाओं को खदान क्षेत्रों में तैनात करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था.
इसके बाद श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस अनुरोध पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया और इसकी सिफारिशों के आधार पर महिलाओं को भी खदानों में तैनात करने की अनुमति देने का फैसला किया. इसके लिए गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खनन मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और प्राकृतिक गैस एवं तेल मंत्रालय से व्यापक स्तर पर विचार विमर्श किया.
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