केंद्र सरकार ने नौसेना के युद्धक जहाजों हेतु सतह से हवा में मार करने में सक्षम बराक मिसाइलों की नयी खेप की खरीद को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने की. भारत इजराइल से 100 बराक मिसाइलें खरीदेगा जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए है.
रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में 860 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के खरीद प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई. 14 मार्च 2017 को अरुण जेटली की रक्षा मंत्री के पद पर नियुक्ति के बाद डीएसी की यह पहली बैठक थी.
डीएसी के बारे में-
- डीएसी रक्षा मंत्रालय का खरीद हेतु निर्णय करने वाला सर्वोच्च निकाय है.
- बराक मिसाइलों की खरीद के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में बदलते सुरक्षा जरूरतों के दृष्टिगत भारत की समुद्री क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा.
- नौसेना के लगभग सभी जहाजों में इन मिसाइलों को संयोजित किया जाएगा.
- मिसाइलों को इजरायल के राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड से बाई ग्लोबल कैटेगरी के तहत खरीदा जाएगा.
अन्य उपकरण-
- डीएसी ने समुद्रों में बिछाए गए विस्फोटकों से निपटने हेतु अंडरवाटर रोबोट जैसे उपकरणों की खरीद हेतु एक्सेप्टेंश ऑफ नेसेसिटी (एओएन) को भी मंजूरी प्रदान की.
- यह उपकरण 311 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बाई ग्लोबल श्रेणी के साथ रिपीट आदेश के तौर पर खरीदा जा रहा है.
- नौसेना के काम आने वाले थर्मोग्राफ सिस्टम (पानी का तापमान मापक यन्त्र) की खरीदारी को भी मंजूरी प्रदान की गई.
- रक्षा खरीद परिषद ने समुद्री बारूदी सुरंगों को नाकाम करने के लिए 311 करोड़ रुपए की लागत से उपकरण खरीदने को मंजूरी दे दी है. नौसेना इस सिलसिले में रोबोट और पानी के अंदर यूएवी (मानवरहित विमान) का इस्तेमाल करती रही है.
- अब इनकी और अधिक संख्या में जरूरत महसूस की जा रही है.
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