लखवाड़ बांध परियोजना हेतु छह राज्यों के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर

Aug 29, 2018, 10:30 IST

लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण से यमुना की जल भंडारण क्षमता में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना से 330 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा.

MoU in six states for Lakhwar Dam project
MoU in six states for Lakhwar Dam project

देहरादून के पास यमुना नदी पर बनने वाले बहुउद्देशीय लखवाड़ बांध परियोजना के क्रियान्वयन हेतु नितिन गडकरी सहित छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 28 अगस्त 2018 को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये. इस समझौता पत्र पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किये.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लखवाड़ बांध परियोजना के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये.

लखवाड़ बांध परियोजना से लाभ

•    लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण से यमुना की जल भंडारण क्षमता में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.

•    कुल 204 मीटर ऊंचाई की लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना का निर्माण 3966.51 करोड़ रुपए की लागत से उत्तराखंड के देहरादून जिले में लोहारी गांव के निकट किया जाएगा.

•    इस परियोजना की जल भंडारण क्षमता 330.66 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) होगी.

•    इस भंडारण क्षमता से सभी 6 राज्यों की 33,780 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के अतिरिक्त पेयजल, घरेलू व औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध हो सकेगा.

•    लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना से 330 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा.

•    बांध परियोजना के निर्माण से लगभग 47 प्रतिशत पानी हरियाणा को मिलेगा जबकि बाकी 53 प्रतिशत पानी अन्य राज्यों को दिया जायेगा.

लागत का बंटवारा

लखवाड़ बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण की कुल 3966.51 करोड़ रुपये लागत में से विद्युत उत्पादन घटक की 1388.28 करोड़ रुपये की राशि उत्तराखंड राज्य द्वारा वहन की जाएगी. शेष 2578.23 करोड़ रुपये की लागत में से सिंचाई व पेयजल घटक का 90 फीसदी (2320.41 करोड़ रुपये) केंद्र द्वारा जबकि 10 फीसदी भाग राज्यों द्वारा उनके अनुपातिक भाग के आधार पर वहन किया जाएगा. हरियाणा द्वारा 123.29 करोड़ (47.82 फीसदी) रुपये का वहन किया जाएगा.


पृष्ठभूमि
योजना आयोग ने वर्ष 1976 में लोहारी में 204 मीटर ऊंचाई का बांध बनाने की परियोजना को मंजूरी दी थी. वर्ष 1986 में पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 1987 में जे.पी. समूह ने बांध का निर्माण शुरू किया. वर्ष 1992 में जब 35 प्रतिशत काम पूरा हो गया तो आर्थिक विवाद में जेपी समूह परियोजना से अलग हो गया. वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए 90 प्रतिशत लागत खर्च खुद वहन करने की घोषणा की.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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