जाने माने शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका में 17 अगस्त 2020 को निधन हो गया है. वे 90 साल के थे. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत शोक में डूब गया है. कुछ समय से वह परिजन के साथ यूएस में थे.
प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने ये जानकारी दी.पंडित जसराज के परिवार ने एक बयान में कहा कि बहुत दुख के साथ हमें सूचित करना पड़ रहा है कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर आज सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है और कहा है कि उनकी मौत से भारतीय शांस्त्रीय संगीत को अपूरणीय क्षति पहुंची है. उनकी संगीत अपने आप में उत्कृष्ट था. कई गायकों के लिए एक असाधारण गुरु के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई. उनके परिवार और प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं.
The unfortunate demise of Pandit Jasraj Ji leaves a deep void in the Indian cultural sphere. Not only were his renditions outstanding, he also made a mark as an exceptional mentor to several other vocalists. Condolences to his family and admirers worldwide. Om Shanti. pic.twitter.com/6bIgIoTOYB
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2020
पंडित जसराज के बारे में
पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार (हरियाणा) में हुआ था. उनके पिता पंडित मोतीराम जी भी मेवात घराने में एक संगीतज्ञ थे. शुरुआती तालीम उन्हें अपने पिता से ही मिली और उसके बाद उन्होंने मेवाती घराने के महाराणा जयवंत सिंह वाघेला और आगरा के स्वामी वल्लभदास से संगीत की शिक्षा ली.
उन्हें साल 2000 में भारत सरकार की ओर से पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाई दी थी. पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व फलक पर अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इतना ही नहीं उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी गाने गाये थे.
जसराज के पिता खुद भी मेवाती घराने के एक विशिष्ट संगीतज्ञ थे. पंडित जसराज दुनिया भर में अपनी गायकी से प्रसिद्ध थे. अमेरिका में उन्होंने कई बार प्रस्तुतियां दी. पंडित जसराज ने बॉलीवुड के लिए पहला गीत ''वंदना करो' 1966 में आई फिल्म 'लड़की शहयाद्री की' में गाया था, जो कि एक भजन था.
पुरस्कार-सम्मान
देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण (2000 में) से नवाजे जा चुके जसराज को 1975 में पद्मश्री सम्मान मिला था. पंडित जसराज को श्री वल्लभाचार्य जी द्वारा रचित भगवान कृष्ण की मधुर स्तुति मधुराष्टकम् ने घर-घर पहुंचा दिया. उनकी आवाज में गाए इस मधुराष्टकम् से लोग उनके नाम के मुरीद हो गए.
पंडित जसराज के नाम पर ग्रह का नाम रखा गया
नासा ने साल 2019 में पंडित जसराज के नाम पर 13 साल पुराने खोजे गए एक ग्रह का नाम रखा. ग्रह की खोज नासा और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के वैज्ञानिकों ने मिलकर की थी. ग्रह का नाम पंडित जसराज के जन्मतिथि के उलट रखा गया था. उनकी जन्मतिथि 28/01/1930 है और ग्रह का नंबर 300128 था. ग्रह का पूरा नाम- ‘माइनर प्लेनेट’ 2006 वीपी 32 (नंबर 300128) था. नासा ने इस ग्रह का नामकरण करते समय कहा था कि पंडित जसराज ग्रह हमारे सौरमण्डल में गुरु और मंगल के बीच रहते हुए सूर्य की परिक्रमा कर रहा है.
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