एआईएनआरसी नेता एन रंगास्वामी ने 07 मई 2021 को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन ने रंगास्वामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने ईश्वर को साक्षी मानकर तमिल भाषा में पद की शपथ ली.
रंगास्वामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें नए कार्यकाल के लिए बधाई दी. वे राजग सरकार की अगुवाई करेंगे जिसमें एआईएनआरसी और भारतीय जनता पार्टी शामिल हैं. बता दें कि एन रंगास्वामी लंबे समय से राजनीति से जुड़े हुए हैं और उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव साल 1990 में लड़ा था.
अकेले ही शपथ ली
बता दें कि पुडुचेरी में एआईएनआरसी और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी है. एन.रंगासामी ने अकेले ही शपथ ली है. अभी फिलहाल किसी ने मंत्रीपद की शपथ नहीं ली है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में अन्य मंत्री शपथ ले सकते हैं.
Shri. N. Rangasamy was sworn in as the Chief Minister of the Union Territory of #Puducherry . Lt. Governor Dr. Tamilisai Soundararajan administered the oaths of Office and Secrecy to Shri. Rangasamy in a simple ceremony held at Raj Nivas complying with Covid-19 protocols. pic.twitter.com/cPgURR8nBw
— Lt. Gov. Puducherry (@LGov_Puducherry) May 7, 2021
विधानसभा चुनाव: एक नजर में
बता दें कि इस साल विधानसभा चुनाव में एन रंगास्वामी की पार्टी एआईएनआरसी ने भाजपा के साथ मिलकर पुडुचेरी का चुनाव लड़ा था, जिसमें गठबंधन को बहुमत (16 सीटें) हासिल हुई. इस चुनाव में एआईएनआरसी सबसे बड़ी पार्टी बनी है, जिसे 10 सीटों पर जीत मिली है. भाजपा को छह सीटे मिली हैं, वहीं पुडुचेरी में 6 निर्दलीय छह उम्मीदवार जीते हैं. विपक्ष में द्रमुक को छह और कांग्रेस को दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई है.
एन रंगास्वामी के बारे में
एन रंगास्वामी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. एन रंगास्वामी पुडुचेरी की राजनीति के जाने-माने चेहरे हैं. इससे पहले वो तीन बार पुडुचेरी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
एन रंगास्वामी लंबे समय से राजनीति से जुड़े हुए हैं और उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव साल 1990 में लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में जीते तो उन्हें कृषि और सहकारिता मंत्री का पदभार दिया गया.
एन रंगास्वामी कांग्रेस में हुआ करते थे. साल 2001 के चुनाव में जीत के बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया. उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान कांग्रेस के अंदर कुछ मनमुटाव हो गया और फिर उनसे त्यागपत्र मांग लिया गया. उनकी जगह वी वैथिलिंगम को मुख्यमंत्री बना दिया गया.
उन्होंने इसके बाद साल 2011 में अपनी पार्टी बना ली जिसे ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस के नाम से जाना जाता है. इस बार का चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ा गया जिसमें भाजपा भी शामिल थी.
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