अल्टिमा थुले पर मिले पानी की मौजूदगी के सबूत: नासा

May 21, 2019, 12:44 IST

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अल्टिमा थुले की पहला प्रोफाइल अपने साइंस जर्नल में प्रकाशित किया है. इसके तहत अंतरिक्ष की जटिल दुनिया के बारे में और अधिक जानकारी मिली है.

NASA
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को हाल ही में अल्टिमा थूले की सतह पर मेथनॉल, पानी की जमी बर्फ, और कार्बनिक अणुओं के एक अद्वितीय मिश्रण का सबूत मिला है. मानव जाति द्वारा खोजी गई अब तक की यह सबसे दूर की दुनिया है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अल्टिमा थुले की पहला प्रोफाइल अपने साइंस जर्नल में प्रकाशित किया है. इसके तहत अंतरिक्ष की जटिल दुनिया के बारे में और अधिक जानकारी मिली है. शोधकर्ता अल्टिमा थूले की सतह की विशेषताओं का भी अध्ययन कर रहे हैं. साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोध कर रही टीम को अल्टिमा थूले की सतह पर मेथनॉल, पानी की बर्फ और कार्बनिक अणुओं के सबूत मिले हैं.

कूइपर बेल्ट में स्थित ऑब्जेक्ट:

कूइपर बेल्ट (अंतरिक्ष का सबसे दूर की सतह) में स्थित ऑब्जेक्ट 2014 एमयू 69 नामक पिंड को अल्टिमा थुले नाम दिया गया है. नासा के न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान ने 2019 में नए साल के मौके पर उड़ान के दौरान इस पिंड का डाटा इकट्ठा किया था. इसके पहले सेट का विश्लेषण करने के बाद अंतरिक्ष की जटिल दुनिया के बारे में और अधिक जानकारी मिली है.

इस सेट के विश्लेषण से अल्टिमा थुले के विकास, भूविज्ञान और रचना के बारे में बहुत कुछ खुलासा हुआ है. इसमें इसकी सतह पर खास निशान, पहाड़नुमा आकृतियां और ज्वालामुखी के विस्फोट से बनने वाले गड्ढे भी शामिल हैं. इस पिंड की सतह कूइपर बेल्ट के अन्य पिंडों की तरह ही गहरी लाल है. इसका मुख्य कारण सतह पर कार्बनिक तत्वों की ज्यादा मौजूदगी को माना जा रहा है.

न्यू होराइजन्स

यह अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍था नासा का एक अंतरिक्ष शोध यान है. यह शोध यान सौर मंडल के बाहरी बौने ग्रह प्‍लूटो के अध्‍ययन के लिये छोड़ा गया था. इस यान का प्रक्षेपण 19 जनवरी 2006 को किया गया था.

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अल्टिमा थुले के बारे में:

•   अल्टिमा थुले एक अंतरिक्ष यान द्वारा देखी गई अब तक की सबसे दूर की वस्तु है. अल्टिमा थुले प्लूटो से 1.6 बिलियन किलोमीटर तथा पृथ्वी से 6.4 बिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

•   अल्टिमा थुले 4.5 बिलियन साल पहले सौर प्रणाली के उत्पत्ति के संबंध में सूचनाएँ एकत्र करेगा. इससे हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति को समझने में मदद मिलेगी.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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