नासा का ‘मार्स इनसाइट लैंडर’ मंगल ग्रह पर उतरा

Nov 27, 2018, 10:04 IST

नासा का यह यान सिस्मोमीटर की मदद से मंगल की आंतरिक परिस्थितियों का अध्ययन करेगा. इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि मंगल का निर्माण कैसे हुआ और यह पृथ्वी से इतना अलग क्यों है.

NASAs InSight spacecraft safely lands on Mars
NASAs InSight spacecraft safely lands on Mars

नासा का इनसाइट लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर सुरक्षित उतर गया है. यह यान 26-27 नवंबर 2018 की रात भारतीय समयानुसार 1 बजकर 24 मिनट पर मंगल ग्रह की सतह पर पहुंचा. यह ग्रह की सतह पर उतरने के दौरान 12,300 मील प्रति घंटे की रफ्तार से छह मिनट के भीतर शून्य की रफ्तार पर आ गया.

इसके बाद यह पैराशूट से बाहर आया और अपने तीन पैरों पर लैंड किया. नासा ने इस यान को मंगल ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए और इस ग्रह से जुड़े नए तथ्यों का पता लगाने के लिए तैयार किया है.
मार्स ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (इनसाइट) लेंडर को मई 2018 में लॉन्च किया गया था. इससे पहले वर्ष 2012 में ‘क्यूरियोसिटी रोवर’ के को भेजा गया था जिसने मंगल ग्रह के बारे में पुख्ता जानकारियां पृथ्वी पर भेजी थीं.

 

इनसाइट (InSight) मिशन के बारे में जानकारी

  • नासा का यह यान सिस्मोमीटर की मदद से मंगल की आंतरिक परिस्थितियों का अध्ययन करेगा.
  • सौर ऊर्जा और बैटरी से ऊर्जा पाने वाले लैंडर को 26 महीने तक संचालित होने के लिए डिजाइन किया गया है.
  • नासा का यह यान लाल ग्रह की जानकारियां पृथ्वी पर भेजेगा. यह यान ग्रह की आंतरिक संचरना का अध्ययन करने के लिए सिस्मोमीटर का उपयोग करेगा.
  • इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि मंगल का निर्माण कैसे हुआ और यह पृथ्वी से इतना अलग क्यों है.
  • इनसाइट प्रोजेक्ट के प्रमुख वैज्ञानिक ब्रूस बैनर्ट ने कहा कि यह एक परियोजना एक टाइम मशीन की तरह है है, जो यह पता लगाएगी कि 4.5 अरब साल पहले मंगल, धरती और चंद्रमा जैसे पथरीले ग्रह कैसे बने.


इनसाइट (InSight) यान की विशेषताएं


NASA insight mission


•    लगभग 358 किलोग्राम के इनसाइट का पूरा नाम ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस' है.

•    सौर ऊर्जा और बैटरी से चलने वाला यह यान 26 महीने तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.

•    नासा के इस यान में 1 बिलियन डॉलर यानी 70 अरब रुपए का खर्च आया है.

•    7000 करोड़ के इस मिशन में यूएस, जर्मनी, फ्रांस और यूरोप समेत 10 से ज्यादा देशों के वैज्ञानिक शामिल हैं.

•    इसका मुख्य उपकरण सिस्मोमीटर (भूकंपमापी) है, जिसे फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी ने बनाया है.

•    लैंडिंग के बाद ‘रोबोटिक आर्म’ सतह पर सेस्मोमीटर लगाएगा. दूसरा मुख्य उपकरण ‘सेल्फ हैमरिंग’ है जो ग्रह की सतह में ऊष्मा के प्रवाह को दर्ज करेगा.

•    नासा ने इनसाइट को लैंड कराने के लिए इलीशियम प्लैनिशिया नाम की लैंडिंग साइट चुनी. इससे सीस्मोमीटर लगाने और सतह को ड्रिल करना आसान हुआ.

•    इनसाइट की मंगल के वातावरण में प्रवेश के दौरान अनुमानित गति 12,300 मील प्रति घंटा रही.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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