नासा का केप्लर स्पेस टेलीस्कोप नौ साल तक ग्रहों की खोज के बाद रिटायर

Nov 4, 2018, 11:20 IST

नासा के अनुसार केप्लर का ईंधन खत्म होने के संकेत करीब दो सप्ताह पहले ही मिले थे. उसका ईंधन पूरी तरह से खत्म होने से पहले ही वैज्ञानिक उसके पास मौजूद सारा डेटा एकत्र करने में सफल रहे. नासा का कहना है कि फिलहाल केप्लर धरती से दूर सुरक्षित कक्षा में है.

Kepler Space Telescope retires after 9 years
Kepler Space Telescope retires after 9 years

नासा का ग्रहों की खोज करने वाला केपलर स्पेस टेलिस्कोप मिशन समाप्त हो गया है. यह दूरबीन नौ साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाला है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि 2,600 ग्रहों की खोज में मदद करने वाले केपलर दूरबीन का ईंधन खत्म हो गया है इसलिए इसे रिटायर किया जा रहा है.

नासा के अनुसार केप्लर का ईंधन खत्म होने के संकेत करीब दो सप्ताह पहले ही मिले थे. उसका ईंधन पूरी तरह से खत्म होने से पहले ही वैज्ञानिक उसके पास मौजूद सारा डेटा एकत्र करने में सफल रहे. नासा का कहना है कि फिलहाल केप्लर धरती से दूर सुरक्षित कक्षा में है.

तारों के रहने योग्य क्षेत्र:

केपलर ने दिखाया कि रात में आकाश में दिखने वाले 20 से 50 प्रतिशत तारों के सौरमंडल में पृथ्वी के आकार के ग्रह हैं और वे अपने तारों के रहने योग्य क्षेत्र के भीतर स्थित हैं. वर्ष 2009 में स्थापित इस दूरबीन ने अरबों छिपे हुए ग्रहों से अवगत कराया और ब्रह्मांड की समझ को बेहतर बनाया.

टेलिस्कोप:

यह टेलिस्कोप 9.6 साल स्पेस में रहा. 5,30,506 तारों का अवलोकन किया. इसमें से 2,663 ग्रहों की पुष्टि की गई.

केप्लर स्पेस टेलीस्कोप:

•    केप्लर टेलिस्कोप 06 मार्च 2009 को लॉन्च किया गया था. इस टेलिस्कोप में उस वक्त के हिसाब से सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा लगाया गया था.

•    यह यान अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान, नासा, का एक अंतरिक्ष यान है. इस यान का काम सूरज से अलग किंतु उसी तरह अन्य तारों के इर्द-गिर्द ऐसे ग़ैर-सौरीय ग्रहों को ढूंढना है जो पृथ्वी से मिलते-जुलते हों.

•    केप्लर मिशन के अंतर्गत केपलर अंतरिक्ष दूरदर्शी पृथ्वी जैसे दिखने वाले ग्रहों और उनके सौरमण्डल की संभावनाओं का पता लगाता था.

•    केप्लर दूरदर्शी ने एक चक्रीय द्विआधारी तारक व्यवस्था की खोज की है. इसके अंतर्गत दो तारे एक दूसरे का चक्कर लगा रहे हैं और एक उपग्रह इन दोनों के चारों ओर चक्कर लगा रहा है. इस सौर मण्डल का नाम केप्लर-16बी और दोनों तारों के नाम क्रमशः 34बी और 35बी है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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