National logistics index 2021: वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 08 नवंबर 2021 को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार है. यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने हेतु जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है. इस सूची में गुजरात अब भी शीर्ष पर कायम है.
आपको बता दें कि गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान है. उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है. वहीं, उत्तर प्रदेश अब 13वें स्थान से 6ठे स्थान पर आ गया है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 08 नवंबर 2021 को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी.
सूचकांक का उद्देश्य
सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है.
केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में
पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है. वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है.
पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट
पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट साल 2018 में जारी की गयी थी. पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गयी थी. गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही साल रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था.
टॉप 10 राज्यों की सूची
इस बार टॉप 10 की सूची में गुजरात पहले स्थान पर, हरियाणा दुसरे, पंजाब तीसरे, तमिलनाडु चौथे, महाराष्ट्र पांचवे, उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना दसवें स्थान पर है.
यह सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित
वहीं पश्चिम बंगाल 15वें, राजस्थान 16वें, मध्य प्रदेश 17वें, गोवा 18वें, बिहार 19वें, हिमाचल प्रदेश 20वें और असम 21वें स्थान पर हैं. समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है. सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था. पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1,405 लोगों से 3,771 प्रतिक्रियाएं मिलीं.
उद्योग मंत्री ने क्या कहा?
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है. अनुमान के अनुसार, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 13-14 प्रतिशत है.
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