नेशनल वॉर मेमोरियल: भारत ने 25 फरवरी 2020 को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की पहली वर्षगांठ मनाई. इस उपलक्ष्य में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सशस्त्र सेवाओं के सभी तीनों विंग के दिग्गजों के साथ शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस युद्ध स्मारक का पिछले वर्ष उद्घाटन हुआ था उसके बाद से अब तक लगभग 21 लाख लोगों ने यहां विज़िट की है.
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के उद्घाटन का पहला सालगिरह समारोह आधिकारिक तौर पर 22 फरवरी, 2020 को तीनों सेनाओं के बैंड प्रदर्शन के साथ शुरू किया गया था. इसके अलावा, इस आयोजन के तहत 24 और 25 फरवरी 2020 को क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है, जिसमें दिल्ली के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.
रक्षा मंत्री का ट्वीट
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की पहली वर्षगांठ के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा है कि यह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपने कर्तव्य में सर्वश्रेष्ठ बलिदान दिया है. भारत उनकी सेवा और बलिदान का हमेशा ऋणी रहेगा.
नेशनल वॉर मेमोरियल के बारे में जानकारी
नेशनल वॉर मेमोरियल अथवा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 फरवरी 2019 को किया गया था. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित है. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के बारे में कुछ रोचक तथ्य और मुख्य बातें नीचे दी गई हैं:
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन 25,942 सैनिकों के नाम उकेरित किये गये हैं जो आजादी के बाद देश के लिए शहीद हुए हैं. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन युद्ध नायकों को समर्पित है जिन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन और 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे.
वास्तुकला की दृष्टि से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक गोलाकार आधार के मध्य में स्थापित एक स्तंभ है. इस पूरे स्थल के मध्य में एक 'शाश्वत ज्योति' स्थापित की गई है, जो अमर जवान का प्रतिनिधित्व करती है.
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