राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) बोर्ड की 06 दिसम्बर 2016 को आयोजित बैठक में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीसी को मंजूरी प्रदान कर दी गई. बैठक की अध्यक्षता शहरी विकास सचिव राजीव गौबा ने की.
केंद्र सरकार पूर्व में ही दिल्ली-मेरठ शहरों के मध्य रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरीडोर (आरआरटीसी) को मंजूरी प्रदान कर चुकी है. परियोजना के पूरा होने में आठ साल की अवधी का अनुमान है. यानि वर्ष 2024 तक पहला सफर शुरू होने का अनुमान है. इस परियोजना के पूरा होने के साथ दिल्ली से मेरठ का सफर अत्यंत आसान हो जाएगा.
मुख्य तथ्य-
- परियोजना पर होगा 21,902 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
- रैपिड रेल ट्रांजिट कॉरीडोर (आरआरटीसी) परियोजना के तहत 92 किलोमीटर का कॉरीडोर बनाया जाएगा.
- कॉरीडोर पर अधिकतम गति सीमा 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. किन्तु इसकी परिचालन गति 160 किलोमीटर ही रखी जाएगी.
- जिस पर 12 कोच वाली ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी. जिसमें एक बिजिनेस कोच होगा.
- इस कॉरीडोर पर दिल्ली से मेरठ के बीच मौजूदा एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में समय 48 मिनट व सामान्य ट्रेन की तुलना में एक घंटा कम हो जाएगा.
- इसका 60 किलोमीटर का रास्ता दिल्ली - मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच खंभों के ऊपर बने मार्ग से तय किया जाएगा.
- 30 किलोमीटर जमीन के अन्दर रहेगा. दिल्ली से मेरठ तक 17 स्टेशन होंगे.
- इनमें 11 जमीन के ऊपर व छह जमीन के नीचे होंगे.
- दिल्ली में सराय काले खां से यह कॉरीडोर शुरू किया जाएगा.
- गाजियाबाद के रास्ते मोदीपुरम में समाप्त होगा.
- इसमें दो डिपो कनेक्शन स्टेशन दुहाई व मोदीपुरम में स्थापित किए जाएंगे.
- दिल्ली व मेरठ क्षेत्र में यह कॉरीडोर जमीन के अन्दर होगा.
पृष्ठभूमि-
- इस परियोजना का प्रस्ताव वर्ष 2005 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की बैठक में लाया गया.
- इसे साल 2032 हेतु एनसीआर में परिवहन योजना के रूप में प्रस्तावित किया गया.

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