नीरू चड्ढा को 14 जून 2017 को संयुक्त राष्ट्र की न्यायिक संस्था ‘इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी’ (आईटीएलओएस) का न्यायाधीश चयनित किया गया. वे इस 21 सदस्यीय अदालत में स्थान पाने वाली पहली भारतीय महिला न्यायाधीश हैं.
नीरू चड्ढा को अगले नौ वर्ष के लिए 'इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी' (आईटीएलओएस) की न्यायाधीश निर्वाचित की गयीं.
नीरू चड्ढा को एशिया प्रशांत समूह में सर्वाधिक 120 मत मिले. इस समूह से वह एकमात्र उम्मीदवार थीं, जिन्होंने मतदान के पहले चरण में ही चुनाव जीत लिया. इसी चुनाव प्रक्रिया में इंडोनेशिया के उम्मीदवार को 58, लेबनान के उम्मीदवार को 60 और थाईलैंड के उम्मीदवार को 86 मत मिले. इन सभी तीनों उम्मीदवारों ने मतदान के दूसरे चरण में प्रवेश किया जिसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में अन्य सीट पर थाईलैंड को जीत मिली. कुल सात सीटों के लिए मतदान हुआ किया गया तथा इस मतदान में 168 देशों ने भाग लिया.
नीरू चड्ढा
• नीरू विदेश मामलों के लिए मंत्रालय की मुख्य कानूनी सलाहकार चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.
• उन्होंने इटली के दो मरीनों द्वारा दो भारतीय मछुआरों के मारे जाने के मामले में आईटीएलओएस में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
• उन्होंने भारत और बांग्लादेश के मध्य समुद्री सीमा विवाद के मामले में हेग स्थित स्थायी पंचाट न्यायालय में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
• नीरू चड्ढा ने यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ लॉ और यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से कानून में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.
आईटीएलओएस
इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ द सी (आईटीएलओएस) की स्थापना वर्ष 1996 में की गयी थी. इसका मुख्यालय जर्मनी के हैमबर्ग में स्थित है. आईटीएलओएस वर्ष 1994 में लागू हुई संयुक्त राष्ट्र समुद्र कानून संधि के तहत विवाद निस्तारण का एक तंत्र है. भारत के प्रतिष्ठित न्यायविद पी चंद्रशेखर राव न्यायाधिकरण में न्यायाधीश हैं. उन्हें वर्ष 1996 में न्यायाधिकरण में चयनित किया गया था तथा उनका कार्यकाल दिसंबर 2017 में समाप्त होगा.
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