सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल में दिया संसद बहाल करने का आदेश

Feb 24, 2021, 10:46 IST

नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के फैसले को पलटते हुए नेपाली संसद को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है. केपी ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देब भंडारी ने पिछले साल 20 दिसंबर को नेपाली संसद भंग कर दी थी.

Nepal's Supreme Court reinstates Parliament dissolved by govt in December last year in Hindi
Nepal's Supreme Court reinstates Parliament dissolved by govt in December last year in Hindi

नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने 23 फरवरी 20221 को देश की संसद बहाल करने का आदेश दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का फैसला पलट दिया. नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को नेपाल की सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटा लगा है.

नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के फैसले को पलटते हुए नेपाली संसद को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है. केपी ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देब भंडारी ने पिछले साल 20 दिसंबर को नेपाली संसद भंग कर दी थी.

सरकार के फैसले पर रोक

चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर जेबीआर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 275 सदस्यों वाले संसद के निचले सदन को भंग करने के सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए सरकार को अगले 13 दिनों के अंदर सदन का सत्र बुलाने का आदेश दिया.

सभी नियुक्तियां रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने 20 दिसंबर 2020 को संसद भंग होने के बाद प्रधानमंत्री ओली द्वारा लिए गए फैसलों को भी रद्द कर दिया है. ओली के विभिन्न संवैधानिक निकायों में की गई सभी नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है, इसके अतिरिक्त कोर्ट ने उस अध्यादेश को भी रद्द कर दिया है जिसे ओली ने इन नियुक्तियों के लिए पारित किया था.

कोर्ट ने जताई नाराजगी

नेपाल की शीर्ष अदालत ने ओली के इस फैसले पर भी नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी करके सरकार से जवाब मांगा. इस नोटिस में कहा गया है कि वह संसद को अचानक भंग करने के अपने निर्णय पर एक लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें.

ओली ने ये दलील दी थी

ओली ने सदन भंग किए जाने की अनुशंसा करते हुए राष्ट्रपति भंडारी को लिखे अपने पत्र में दलील दी थी कि वह सदन में 64 प्रतिशत बहुमत रखते हैं और नई सरकार के गठन की कोई संभावना नहीं है स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देश को लोगों के नए जनादेश की आवश्यकता है.

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी: एक नजर में

ओली के नेतृत्व वाला सीपीएन-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाला एनसीपी (माओवादी सेंटर) का, 2017 के आम चुनावों में गठबंधन को मिली जीत के बाद विलय हो गया था और एकीकृत होकर नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का मई 2018 में गठन हुआ था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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