14 जून 2016 को कोलंबिया सर्किट के डिस्ट्रिक्ट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने सरकार के नेट–नयूट्रीलिटी रूल्स को बरकार रखा. ये नियम प्लेइंग फेवरिट्स या प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन सेवाओं को ब्लॉक करने से ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाताओं को रोकता है.
तीन-जजों के पैनल द्वारा किए गए इस फैसले ने उपभोक्ता ब्रॉडबैंड व्यापार पर सख्त निरीक्षण से बचने की कोशिश करने वाले केबल, वायरलेस और टेलीफोन कंपनियों की हार हुई है.
नेट-न्यूट्रिलिटी नियमों पर दूरसंचार उद्योग की चुनौती को 2-1 मतों से हार का सामना करना पड़ा.
फैसले के लाभ
• यह इंटरनेट-सेवा प्रदाताओँ से अनुचित प्रतिस्पर्धा को रोकेगा.
• सभी फोन और केबल कंपनियां बिना अपने प्रतिस्पर्धियों को ब्लॉक किए या धीमा किए अपने नेटवर्क के सभी यातायात के साथ एक समान व्यवहार कर सकेंगीं.
• यह सेवा के लिए अधिक भुगतान करने वाली कंपनियों को फास्ट लेन प्रदान करने से सेवा प्रदाताओं को रोकेगा.
तीन जजों के पैनल में डेविड टाटेल, श्री श्रीनिवासन और स्टीफन विलियम्स थे और इन्हें क्रमशः क्लिंटन, ओबामा और रीगन ने नियुक्त किया था.
जज श्रीनिवासन ओबामा द्वारा नियुक्त किए गए थे. ये फरवरी 2016 में जस्टिस एंटोनिन स्कालिया की मृत्यु के बाद सुप्रीम कोर्ट में खाली हुए स्थान के लिए राष्ट्रपति द्वारा बनाई गई सूची में थे.
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नेट–नयूट्रीलिटी क्या है ?
नेट न्यूट्रिलिटी का सिद्धांत या इंटरनेट न्यूट्रिलिटी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध सभी आंकड़ों के साथ समान व्यवहार को दर्शाता है. इस शब्द का प्रयोग कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मीडिया लॉ प्रोफेसर टिम वू ने 2003 में सामान्य वाहक की लंबे समय की अवधारणा के विस्तार के तौर पर किया था.
डॉट ने नेट तटस्थता पर ए के भार्गव समिति की रिपोर्ट जारी की
सिद्धांत के अनुसार, सरकार और आईएसपी को इंटरनेट पर संचारित होने वाले प्रत्येक बिट (bit) के साथ, प्राथमिकता वितरण के विकल्प के बिना या उपयोगकर्ता ( व्यापारिक या घरेलू), विषयवस्तु ( ध्वनि या वीडियो या डाटा), प्लेटफॉर्म, एप्लीकेशन, संलग्न उपकरण के प्रकार या संचार के तरीके के आधार पर अलग– अलग शुल्क लिए बिना, एक समान व्यवहार करना चाहिए।
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