शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में ‘फिमब्रिस्तिलिस अगस्थेमलेनेसिस’ नामक प्रजाति के पौधे की खोज की है. इस पौधे को पश्चिमी घाट के अगस्त्यमाला बायोरिज़र्व से खोजा गया है.
इस शोध के बारे में फय्तोताक्सा नामक बोटैनिकल जर्नल के अप्रैल 2018 अंक में जानकारी प्रकाशित की गई.
इन शोधकर्ताओं में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो एआर विजी एवं असिस्टेंट प्रोफेसर टीएस प्रीथा ने पोंमुदी हिल्स के घास के मैदानों में इस प्रजाति के पौधे की खोज करने सफलता प्राप्त की.
यह सर्वेक्षण, केरल राज्य जे विज्ञान तकनीक एवं पर्यावरण काउंसिल (केएससीएसटीई) के महिला वैज्ञानिक प्रभाग द्वारा प्रायोजित था.
गंभीर लुप्तप्राय प्रजाति
शोधकर्ताओं ने पौधे की संरक्षण की सिफारिश की है क्योंकि यह पौधा गंभीर रूप से खतरे में है. इस क्षेत्र में यह पौधा जंगलों में पशुओं का आहार बन सकता है.
इस पौधे का निवास स्थल केरल के टूरिज्म हब में गिना जाता है जिससे इस पौधे पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और इसके लुप्तप्राय होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है.
मुख्य बिंदु
• फिमब्रिस्तिलिस अगस्थेमलेनेसिस प्रजाति का पौधा सायपरेस परिवार से सम्बंधित है.
• भारत में सायपरेस परिवार से सम्बंधित 122 पौधे पाए जाते हैं जिनमें 87 पश्चिमी घाट पर पाए गये हैं.
• इनमें से अधिकतर पौधे दवाओं में काम आते हैं अथवा चारे के रूप में प्रयोग कर लिए जाते हैं.
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