New Zealand passes tobacco law for next generation: न्यूजीलैंड की सरकार ने नई जनरेशन में स्मोकिंग (धूम्रपान) को रोकने के उद्देश्य से अपने देश में एक नया टोबैको लॉ लेकर आई है. इसे अगली पीढ़ी के लिए दुनिया का पहला टोबैको लॉ (tobacco law) माना जा रहा है. यह नया कानून 2023 में लागू कर दिया जायेगा.
न्यूजीलैंड की सहयोगी स्वास्थ्य मंत्री आयशा वेराल (Ayesha Verrall) ने कानून के पारित होने पर कहा कि ''इससे हजारों लोग लंबे समय तक जीवित रहेंगे, स्वस्थ जीवन और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर $ 5 बिलियन तक बेहतर होगी क्योंकि धूम्रपान से होने वाली बीमारियों का इलाज करने की आवश्यकता नहीं होगी''.
New Zealand passes world-first tobacco law to ban smoking for next generation https://t.co/QRipLecmmr
— The Guardian (@guardian) December 13, 2022
क्या कहता है यह कानून?
यह किसी देश द्वारा उठाया गया ऐतिहासिक फैसला है. इसके तहत न्यूज़ीलैंड में यह सुनिश्चित किया गया है कि 1 जनवरी 2009 को या उसके बाद पैदा हुए किसी को भी तंबाकू नहीं बेचा जाये. यह अगली पीढ़ी के लिए धूम्रपान को अवैध बनाने के लिए दुनिया का पहला कानून है.
युवाओं पर आजीवन स्मोकिंग प्रतिबंध लगाने के अलावा इस कानून में यह भी कहा गया है कि सिगरेट का पैकेट खरीदने से पहले आपको आईडी दिखानी पड़ेगी कि आप कम से कम 63 वर्ष के है.
टोबैको लॉ का उद्देश्य:
न्यूजीलैंड सरकार ने देश को वर्ष 2025 तक धूम्रपान मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसको हासिल करने के लिए यह पहल की गयी है. साथ ही सरकार धूम्रपान विरोधी कानूनों को और कड़े कर रही है.
नवंबर में जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि दैनिक धूम्रपान करने वालों की संख्या 8% तक गिर गई थी जो पिछले साल 9.4% से नीचे है. अतः इस प्रयास को सकारात्मक माना जा रहा है.
वर्ल्ड फर्स्ट टोबैको लॉ-हाइलाइट्स:
इसके तहत धूम्रपान को कम सस्ता और सुलभ बनाने के लिए कई अन्य उपाय भी किये जायेंगे.
बिक्री: इस नए कानून के तहत तम्बाकू उत्पादों को सुपरमार्केट के बजाय केवल विशेष तम्बाकू दुकानों के माध्यम से बेचने के उपाय किये जायेंगे.
उल्लंघन पर सजा: इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर भी सजा का प्राविधान बनाया गया है, इसके तहत यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर NZ$150,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके साथ ही उस पर पूरे जीवन के लिए धूम्रपान प्रतिबंध लागू किया जायेगा.
निकोटीन: इस नये कानून के तहत तम्बाकू उत्पादों में निकोटीन की मात्रा को भी कम किया जायेगा, जिससे यह हेल्थ के लिए कम हानिकारक हो.
साथ ही टोबैको प्रोडक्ट्स की खुदरा विक्रेताओं की संख्या में 90 फीसदी की कटौती करेगा, जिससे इसकी खुली बिक्री पर लगाम लगायी जा सके.
इस कानून के तहत, कानूनी रूप से सिगरेट बेचने की अनुमति देने वाले स्टोरों की संख्या उनके मौजूदा स्तरों के दसवें हिस्से तक कम हो जाएगी जिससे देश में में 6,000 से केवल 600 स्टोर रह जायेंगे.
भारत में तम्बाकू नियंत्रण के उपाय:
सिगरेट एक्ट, 1975: भारत में तम्बाकू नियंत्रण कानून, सिगरेट एक्ट, 1975 के समय का है, जो विज्ञापनों और डिब्बों और सिगरेट के पैकेजों पर वैधानिक स्वास्थ्य चेतावनियों के प्रदर्शन को अनिवार्य करता है.
नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम, (NTCP): स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2007-08 में देश के 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 42 जिलों में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) शुरू किया था.
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध विधेयक, 2019: इसके माध्यम से ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर रोक लगायी गयी है.
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